"अष्टछाप": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
रोहित साव27 (वार्ता | योगदान) छो 2405:204:A504:201B:EFAA:7C69:54B7:3B85 (Talk) के संपादनों को हटाकर अनुनाद सिंह के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
हिन्दी साहित्य का इतिहास (पेज-197) - सं- डॉ. नगेन्द्र टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 44:
:''लै दर्पण देखे श्रीमुख को, 'गोविंद' प्रभु चरननि सिर नावति॥
* [[छीतस्वामी]] (
*ई.) :''धन्य श्री यमुने निधि देनहारी ।
:''करत गुणगान अज्ञान अध दूरि करि, जाय मिलवत पिय प्राणप्यारी ॥
|