"त्रिदोष": अवतरणों में अंतर

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[https://www.gnkhm.com/2020/03/blog-post_16.html कफ का स्वरूप, कफ के नाम, कफ के शरीर में स्थान एवं भिन्न भिन्न कफ के कार्य][[Image:Ayurveda humors.svg|thumb|त्रिदोष तथा [[पंचमहाभूत]] जिनसे वे निर्मित हैं]]
[[वात]], [[पित्‍त]], [[कफ]] इन तीनों को दोष कहते हैं। इन तीनों को धातु भी कहा जाता है। धातु इसलिये कहा जाता है क्‍योंकि ये शरीर को धारण करते हैं। चूंकि '''त्रिदोष''', धातु और मल को दूषित करते हैं, इसी कारण से इनको ‘दोष’ कहते हैं।
 
पंक्ति 22:
== वात दोष के पांच भेद: ==
 
* 1- [[प्राणप्रा वात]]
* 2- [[समान वात]]
* 3- [[उदान वात]]
पंक्ति 30:
== पित्‍त दोष के पांच भेद ==
 
* 1- [[साधक पित्‍त]][https://www.gnkhm.com/2020/03/blog-post_7.html पित्त का स्वरूप, पित्त के नाम, पित्त के स्थान एवं पित्त के कर्म]
* 1- [[साधक पित्‍त]]
* 2- [[भ्राजक पित्‍त]]
* 3- [[रंजक पित्‍त]]
पंक्ति 38:
== [[कफ]] दोष के पांच भेद ==
* 1- [[क्‍लेदन कफ]][https://www.gnkhm.com/2020/03/blog-post_16.html कफ का स्वरूप, कफ के नाम, कफ के शरीर में स्थान एवं भिन्न भिन्न कफ के कार्य]
* 1- [[क्‍लेदन कफ]]
* 2- [[अवलम्‍बन कफ]]
* 3- [[श्‍लेष्‍मन कफ]]