"सर्जिकल मास्क": अवतरणों में अंतर
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आम जनता |
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स्वास्थ्यकर्मियों को सर्जिकल मास्क पहनने, उपयोग करने, निकालने एवं नष्ट करने का अभ्यास कराया जाता है। सुरक्षा दिशानिर्देशों के अनुसार उन्हें चेहरे में अच्छी तरह फिट आने वाले और परीक्षण किए गए N95 या FFP3 मास्क पहनने बोला जाता है। जिससे वे संक्रमण फैलाने वाले एरोसोल और तरल ड्रॉपलेट्स से स्वयं को बचा सकें।
===आम जनता===
आमतौर पर घर में या बाहर किसी तरह के मास्क पहनने की सिफ़ारिश नहीं की जाती है, पर लोगों को संक्रमित या बीमार लोगों से दूरी बनाए रखने और हाथ अच्छी तरह साफ रखने को कहा जाता है। पूर्वी एशियाई देशों में सार्वजनिक जगहों में मास्क पहनना काफी सामान्य बात है और ये साल के बारह महीने देखने को मिल जाता है। चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे देश हवा से फैलने वाले बीमारियों को अपने और दूसरों को होने से रोकने के लिए आमतौर पर मास्क पहने रहते हैं। इससे वे हवा में उपस्थित वायु प्रदूषण के कारण उत्पन्न धूल से बच जाते हैं और आसानी से सांस भी ले पाते हैं।
जापान और ताइवान में आप फ्लू के फैलने वाले मौसम में सभी को मास्क लगाए देख सकते हैं, जो ये दिखाता है कि वे अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का सही से पालन करते हैं। फैलने वाले बीमारियों से ये मास्क काफी सुरक्षा प्रदान करते हैं और उससे सुधार किए मास्क भी लगभग आधी सुरक्षा तो प्रदान कर ही देते हैं।
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में धुंध और प्रदूषण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मास्क का उपयोग भारत, नेपाल और थायलैंड के सभी प्रमुख शहरों में उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापूर में दक्षिण पूर्व एशियाई धुंध के मौसम में भी इसका इस्तेमाल देखने को मिलता है। हवा को छानने वाले सर्जिकल मास्क की मांग एशिया में काफी अधिक है, जिसके कारण कंपनियाँ भी ऐसे मास्क के साथ साथ कुछ सुंदर दिखने वाले मास्क भी बाजार में ला रहे हैं।
==सन्दर्भ==
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