No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:204:A517:DD7E:48F3:A43F:D2D2:EAEC (वार्ता) द्वारा किए बदलाव को Ankit kumar vijeta के बदलाव से पूर्ववत किया: बर्बरता हटाई।
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना SWViewer [1.4]
पंक्ति 23:
New poem by ankit
 
मसरूफ Ka Mtlbmtlb (busy)
 
लोग कहते हैं कि हम रोते नहीं,
 
ये जरा साथ रहने वाले अंधेरो से पूछो.
 
जिक्र मेरा भी होगा उनकी खामोशियों में।
 
 
Line 55 ⟶ 61:
कह के निकल जाने दो,
 
टूट जाने दो हमको बिखर जाने दो।दो।।
 
 
 
 
 
Khusii mt dhoondo in zindagi ki rah me,
 
Zine ke liye maut bhi kaafi hothoti hai..