"शालिवाहन शक": अवतरणों में अंतर

वर्तमान में सातवाहन राजवंश की शाखाएं वराडिया (महाराष्ट्र,आंध्र),वर्दीय या वरदिया(उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,राजिस्थान)सवांसोलकीया(मध्य प्रदेश)आदि प्रमुख हैं।।
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वर्तमान में सातवाहन राजवंश की शाखाएं वराडिया (महाराष्ट्र,आंध्र),वर्दीय या वरदिया(उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश,राजिस्थान)सवांसोलकीया(मध्य प्रदेश)आदि प्रमुख हैं।।
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'''शालिवाहन शक''' जिसे '''[[शक संवत]]''' भी कहते हैं, हिंदू कैलेंडर, [[भारतीय राष्ट्रीय पंचांग|भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर]] और कम्बोडियन बौद्ध कैलेंडर के रूप मे प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि इसकी शुरुआत वर्ष 78 के वसंत विषुव के आसपास हुई थी।{{fact}}
[राजा शालीवाहन {गौतमीपुत्र शातकर्णी}]
"राजा शालीवाहन सातवाहन राजवंश के सबसे प्रतापी वा महान राजा थे,राजा शालीवाहन के शासन काल में यह राजवंश अपनी चरम सीमा पर था । राजा शालीवाहन की मां गौतमी(ब्राम्हण कुम्भार)थी राजा शालीवाहन का जन्म आदिशोशनआदिशेशान की कृपा से हुआ था(मत्स्य पुराण के अनुसार)।
राजा शालीवाहन का बचपन समस्याओं से भरा हुआ था परंतु राजा शालीवाहन को ईश्वर की घोर तपस्या के फलस्वरूप अनेकों वरदान प्राप्त हुए,जिससे राजा सलीवाहन ने राजपाठ और युद्ध के क्षेत्र में महारथ हासिल की इसलिए इन्हे दक्षिणपथ का स्वामी एवं वर्दिया(वरदान प्राप्त करने वाला) कहा जाता है"।
{सातवाहन राजवंश }