"भारतीय युद्धकलाएँ": अवतरणों में अंतर

Rescuing 1 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
 
पंक्ति 6:
----
[[चित्र:Ornamental katar.jpg|right|thumb|250px|अलंकृत '''कटार''']]
[[संस्कृत]] तथा अन्य भारतीय भाषाओं में [[मार्शल आर्ट|युद्धकलाओं]] के अनेक प्रकार और नाम मिलते हैं-
* युद्धकला
* आयुध विद्या
पंक्ति 14:
* तड़काप्पुक कलै (தற்காப்புக் கலை) -- स्व-रक्षा की कला
 
भारतीय युद्ध कला में मराठा युद्ध कला बहुत ही प्रसिद्ध युद्ध कलाओं का एक प्रकार है जहांजहाँ मराठामराठाओं ओकेकी अपनी ही एक विशिष्ट प्रकार की युद्ध नीति होती थी बाद में [[शिवाजी]] महाराज ने इसमें बदलाव करते हुए कम से कम सैन्य बल का प्रयोग करते हुए बड़े से बड़े सैन्य बल को परास्त करने के लिए एक युद्ध नीति का विकास किया जिसे गनिमी कावा के नाम से जाना जाता है शिवाजी महाराज द्वारा विकसित की गई गनिमी कावा बहुत ही प्रसिद्ध युद्ध नीति है आज के दौर में मराठामराठाओं ओकेके इस युद्ध कला को आधुनिक रूप देते हुए सेल्फ डिफेंस के लिए '' फाइट साइंस अकैडमीअकेडमी '' द्वारा चलाया जा रहा है।
 
महर्षि [[वाल्मीकि]] द्वारा जनित युध्दयुद्ध कला बहुत ही श्रेस्ठश्रेष्ठ युद्ध कलाओकलाओं में से एक थीथी। ।इसकीइसकी श्रेस्ठताश्रेष्ठता का अनुमान आप इसी बात से लगा सकते है कि महर्षि वाल्मीकि के दो विध्यर्थीविद्यार्थी [[लव]] तथा [[कुश]] को श्री [[राम]] और उनके महान योध्दायोद्धा भी युद्ध में हरा नही पायपाये थे जबकि ये वही योद्धा थे जो रावण तथा उसकी महान सेना को प्ररास्तपरास्त कर चुके थे परंतुपरन्तु दो बालको से हार गए थे।
 
==इन्हें भी देखें==