"सिंघण": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 5:
सिंघण ने अपने साम्राज्य की सीमाओं को विस्तार देने के लिए कई महत्त्वपूर्ण सैनिक अभियान किये और युद्ध लड़े। होयसल वंश के राजा कि विजय के बाद सिंघण ने उत्तर दिशा में विजय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। गुजरात पर उसने कई बार आक्रमण किए और मालवा को अपने अधिकार में लाकर काशी और मथुरा तक विजय यात्रा की। इतना ही नहीं, उसने कलचुरी राज्य को परास्त कर अफ़ग़ान शासकों के साथ भी युद्ध किए, जो उस समय उत्तर भारत के बड़े भाग को अपने स्वामीत्व में ला चुके थे।
 
कोल्हापुर के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब और पांड्य देश के राजाओं को भी सिंघण ने आक्रान्त किया और अपनी इन दिग्विजयों के उपलक्ष्य में कावेरी नदी के तट पर एक 'विजय स्तम्भ' की स्थापना की। इसमें सन्देह नहीं कि यादव राजराजा सिंघण एक विशाल साम्राज्य का निर्माण करने में सफल हुआ था और न केवल सम्पूर्ण दक्षिणापथ अपितु कावेरी तक का दक्षिण भारत और विंध्याचल के उत्तर के भी कतिपय प्रदेश उसकी अधीनता में आ गए थे।
 
{{आधार}}
 
==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सिंघण" से प्राप्त