"पपीता": अवतरणों में अंतर

छो Bibidha Samgraha (Talk) के संपादनों को हटाकर Ts12rAc के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
दुमट या दोमट मिट्टी – दुमट या दोमट मिट्टी, चिकनी मिट्टी और बलुई मिट्टी का मिश्रण है। इसकी उर्वरा शक्ति बहुत अच्छी होती है। इस मिट्टी में जल निकासी अच्छी होती है। दुमट या दोमट मिट्टी बागवानी के लिए बहुत बेहतर मानी जाती है।
पंक्ति 27:
शीघ्र फलनेवाले फलों में पपीता अत्यंत उत्तम फल है। पेड़ लगाने के बाद वर्ष भर के अंदर ही यह फल देने लगता है। इसके पेड़ सुगमता से उगाए जा सकते हैं और थोड़े से क्षेत्र में फल के अन्य पेड़ों की अपेक्षा अधिक पेड़ लगते हैं।
 
इसके पेड़ कोमल होते हैं और [[पाला|पाले]] से मर जाते हैं। ऐसे स्थानों में जहाँ शीतकाल में पाला पड़ता हो, इसको नहीं लगाना चाहिए। यहाँ उपजाऊ, [[https://ekisani.com/question/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%ae%e0%a4%9f-%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%a6%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a4%9f-%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%97%e0%a5%81%e0%a4%a3/ दुमट भूमि]] में अच्छा फलता है। ऐसे स्थानों में जहाँ पानी भरता हो, पपीता नहीं बढ़ता। पेड़ के तने के पास यदि पानी भरता है तो इसका तना गलने लगता है। पपीते के खेत में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए। इसका बीज मार्च से जून तक बोना चाहिए। प्राय: अप्रैल मई में बीज बोते हैं और जुलाई अगस्त में पेड़ लगाते हैं। यदि सिंचाई का सुप्रबंध हो तो फरवरी मार्च में इसका पेड़ लगाना अति उत्तम होता है। पेड़ लगाने के लिये पहले आठ या दस फुट के फासले से डेढ़ या दो फुट गहरे गोल गड्ढे खोद लेने चाहिए। गड्ढे के केंद्र में पेड़ लगाना चाहिए। पेड़ों की सिंचाई के लिये उनमें छल्लेदार थाले बनाकर आवश्यकतानुसार पानी देते रहना चाहिए।
 
पपीते के पेड़ों में नर एवं मादा पेड़ अलग होते हैं। नर पेड़ों में केवल लंबे-लंबे फूल आते हैं। इनमें फल नहीं लगते। जब पेड़ फलने लगते हैं तो केवल १० प्रतिशत नर पेड़ों को छोड़कर अन्य सब नर पेड़ों को उखाड़ फेंकना चाहिए।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पपीता" से प्राप्त