"नीलगाय": अवतरणों में अंतर
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| image_caption = नीलगाय नर की नीली आभा
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'''नीलगाय''' एक बड़ा और शक्तिशाली जानवर है। कद में नर नीलगाय [[घोड़ा|घोड़े]] जितना होता है, पर उसके शरीर की बनावट घोड़े के समान
वास्तव में "नीलगाय" इस प्राणी के लिए उतना सार्थक नाम नहीं है क्योंकि
▲वास्तव में "नीलगाय" इस प्राणी के लिए उतना सार्थक नाम नहीं है क्योंकि मादाएं भूरे रंग की होती हैं। नीलापन वयस्क नर के रंग में पाया जाता है। वह लोहे के समान सलेटी रंग का अथवा धूसर नीले रंग का शानदार जानवर होता है। उसके आगे के पैर पिछले पैर से अधिक लंबे और बलिष्ठ होते हैं, जिससे उसकी पीठ पीछे की तरफ ढलुआं होती है। नर और मादा में गर्दन पर अयाल होता है। नरों की गर्दन पर सफेद बालों का एक लंबा और सघन गुच्छा रहता है और उसके पैरों पर घुटनों के नीचे एक सफेद पट्टी होती है। नर की नाक से पूंछ के सिरे तक की लंबाई लगभग ढाई मीटर और कंधे तक की ऊंचाई लगभग डेढ़ मीटर होती है। उसका वजन 250 किलो तक होता है। मादाएं कुछ छोटी होती हैं। केवल नरों में छोटे, नुकीले सींग होते हैं जो लगभग 20 सेंटीमीटर लंबे होते हैं।
[[चित्र:Neelgai.png|right|thumb|350px|नीलगाय (मादा)]]
नीलगाय [[भारत]] में पाई जानेवाली मृग जातियों में सबसे बड़ी है। मृग उन
नीलगाय [[दिवाचर]] (दिन में चलने-फिरने वाला) प्राणी है। वह [[घास]] भी चरती है और झाड़ियों के पत्ते भी खाती है। मौका मिलने पर वह फसलों पर भी धावा बोलती है। उसे बेर के फल खाना बहुत पसन्द है। [[महुआ|महुए]] के फूल भी बड़े चाव से खाए जाते हैं। अधिक
सभी नर एक ही स्थान पर आकर मल त्याग करते हैं, लेकिन
== वितरण ==
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