"शाकम्भरी": अवतरणों में अंतर

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}}[[File:शाकम्भरीसहारनपुर.jpg|thumb|शाकम्भरी देवी]]
'''शाकम्भरी देवी''' माँ [[आदिशक्ति]] का एक सौम्य अवतार हैं। इन्हें चार भुजाओं और कही पर अष्टभुजाओं वाली के रुप में भी दर्शाया गया है। ये माँ ही [[वैष्णो देवी]], चामुंडा, कांगड़ा वाली, ज्वाला, [[चिंतपूर्णी]] , [[कामाख्या]],[[शिवालिक]] पर्वत वासिनी, [[चण्डी|चंडी]], बाला सुंदरी, मनसा, नैना और [[शताक्षी देवी]] कहलाती है। माँ शाकम्भरी ही [[रक्तदंतिका]], छिन्नमस्तिका, [[भीमादेवी]],[[भ्रामरी]] और श्री [[कनकदुर्गा]] है। माँ श्री शाकंभरी के देश मे अनेक पीठ है। जिनमे [[शाकम्भरी माता राजस्थान]],को [[सकरायपीठ]] कहते हैं जोकि राजस्थान मे है और [[सांभर पीठ]] भी राजस्थान मे है सहारनपुर सिद्धपीठ उत्तर प्रदेश मे है।वर्तमान मे उत्तर भारत की नौ देवियों मे शाकम्भरी देवी का नौंवा और अंतिम दर्शन होता है वैष्णो देवी से शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा मे माँ चामुण्डा देवी, माँ वज्रेश्वरी देवी, माँ ज्वाला देवी, माँ चिंतपुरणी देवी, माँ नैना देवी, माँ मनसा देवी, माँ कालिका देवी, माँ शाकम्भरी देवी सहारनपुर आदि शामिल हैं। नौ देवियों मे माँ शाकम्भरी देवी का स्वरूप सर्वाधिक करूणामय और ममतामयी है।
 
'''अथान्यदस्ति देवेशि पीठं प्रत्यकारकम।''' '''शाकम्भरी यत्र जाता मुनिना त्राणकारणात।'''