"लोकसभा अध्यक्ष": अवतरणों में अंतर

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लोकसभा अध्यक्ष का निर्वाचन [[लोकसभा]] के सदस्यों के द्वारा किया जाता है। निर्वाचन की तिथि राष्ट्रपति के द्वारा निश्चित की जाती है। [[राष्ट्रपति]] के द्वारा निश्चित की गयी तिथि की सूचना [[लोकसभा का महासचिव]] सदस्यों को देता है। निर्वाचन की तिथि के एक दिन पूर्व के मध्याह्न से पहले किसी सदस्य द्वारा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव महासचिव को लिखित रूप में दिया जाता है। यह प्रस्ताव किसी तीसरे सदस्य द्वारा अनुमोदित होना चाहिए।
इस प्रस्ताव के साथ अध्यक्ष के उम्मीदवार सदस्य का यह कथन संलग्न होता है कि वह अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए तैयार है। निर्वाचन के लिए एक या अधिक उम्मीदवारों द्वारा प्रस्ताव किये जा सकते हैं। यदि एक ही [[प्रस्ताव]] पेश किया जाता है, तो अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मत होता है और यदि एक से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत होते हैं, तो मतदान कराया जाता है। मतदान में लोकसभा के सदस्य ही शामिल होकर अध्यक्ष का बहुमत से निर्वाचन करते हैं।
 
अगर अध्यक्ष का पद रिक्त हो जाए उस स्थिति में उपाध्यक्ष उसके कर्तव्यों का निर्वहन करता है। और अगर उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त हो तो राष्ट्रपति इस भूमिका के लिए जिसे नियुक्त करें; वह उस पद के कर्तव्यों का पालन करेगा।
 
लेकिन अगर लोकसभा की किसी बैठक में अध्यक्ष की अनुपस्थित हो (यानी कि रिक्त न हो) तो ऐसी स्थिति में उपाध्यक्ष, अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा। यदि वह भी किसी कारणवश अनुपस्थित है तो ऐसा व्यक्ति, जो लोक सभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा अवधारित किया जाएगा, वह अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।<ref>{{Cite web|url=https://wonderhindi.com/lok-sabha-speaker/|title=लोकसभा अध्यक्ष : इतिहास, प्रावधान, शक्ति व कार्य आदि|last=Chaudhary|first=P. B.|date=2020-10-25|website=wonderhindi|language=en|access-date=2021-05-01}}</ref>
 
== शपथ ग्रहण ==
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== वेतन और भत्ते ==
लोकसभा अध्यक्ष को राज्यसभा के सभापति ([[भारत के उपराष्ट्रपति|उपराष्ट्रपति]]) के समान मासिक वेतन एवं अन्य भत्ते मिलते हैं। मई, 2002 को संसद द्वारा पारित एक संशोधन विधेयक के अनुसार यदि लोकसभा के अध्यक्ष की मृत्यु उसके पद पर रहने की अवधि में ही हो जाती है तो उसके परिवार यानी पति या पत्नी को पेंशन, आवास और स्वास्थ्य सुविधाएँ मिला करेंगी। ध्यातव्य है कि यह सुविधा अब तक राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति पदों के लिए ही थीं। साथ ही लोकसभाध्यक्ष को केन्द्रीय मंत्री के समान भत्ता देने का भी प्रावधान किया गया है। 4 लाख sellry
 
== कार्यकाल अवधि और पदमुक्ति ==
अध्यक्ष का कार्यकाल लोकसभा विघटित होने तक होता है। कुछ स्थितियों में वह इससे पहले भी पदमुक्त हो सकता है-लोकसभा अध्यक्ष को लोकसभा के प्रभावी बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। परंतु 14 दिन पहले इसकी सूचना लोक सभा अध्यक्ष को देनी आवश्यक है।
 
जब अध्यक्ष को उसके पद से हटाने का संकल्प लोकसभा में विचाराधीन हो तब अध्यक्ष को लोकसभा में उपस्थित रहने पर भी, पीठासीन नहीं किया जाता। हालांकि उसे लोकसभा में बोलने और उसकी कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार होता है। यहाँ तक कि उसे प्रथमतः मत देने का भी अधिकार होता है लेकिन मतों के बराबर होने की स्थिति में मत देने का अधिंकार नहीं होता है।<ref>{{Cite web|url=https://wonderhindi.com/lok-sabha-speaker/|title=लोकसभा अध्यक्ष : इतिहास, प्रावधान, शक्ति व कार्य आदि|last=Chaudhary|first=P. B.|date=2020-10-25|website=wonderhindi|language=en|access-date=2021-05-01}}</ref>
 
==पदाधिकारियों की सूची==