"भौतिक शास्त्र": अवतरणों में अंतर

भौतिकी रसायन विज्ञान से अलग है
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'''भौतिकी''', [[प्रकृति विज्ञान]] की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह [[ऊर्जा]] विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके [[द्रव्य]] संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। [[स्थान]], [[काल]], [[गति (भौतिकी)|गति]], [[द्रव्य]], [[विद्युत]], [[प्रकाश]], [[ऊष्मा]] तथा [[ध्वनि]] इत्यादि अनेक विषय इसकी परिधि में आते हैं। यह [[विज्ञान]] का एक प्रमुख विभाग है। इसके सिद्धांत समूचे विज्ञान में मान्य हैं और विज्ञान के प्रत्येक अंग में लागू होते हैं। इसका क्षेत्र विस्तृत है और इसकी सीमा निर्धारित करना अति दुष्कर है। सभी वैज्ञानिक विषय अल्पाधिक मात्रा में इसके अंतर्गत आ जाते हैं। विज्ञान की अन्य शाखायें या तो सीधे ही भौतिक पर आधारित हैं, अथवा इनके तथ्यों को इसके मूल सिद्धांतों से संबद्ध करने का प्रयत्न किया जाता है।
 
भौतिकी का महत्वमहत्त्व इसलिये भी अधिक है कि [[प्रौद्योगिकी|अभियांत्रिकी]] तथा शिल्पविज्ञान की जन्मदात्री होने के नाते यह इस युग के अखिल सामाजिक एवं आर्थिक विकास की मूल प्रेरक है। बहुत पहले इसको [[दर्शनशास्त्र|दर्शन शास्त्र]] का अंग मानकर नैचुरल फिलॉसोफी या प्राकृतिक दर्शनशास्त्र कहते थे, किंतु 1870 ईस्वी के लगभग इसको वर्तमान नाम भौतिकी या फिजिक्स द्वारा संबोधित करने लगे। धीरे-धीरे यह विज्ञान उन्नति करता गया और इस समय तो इसके विकास की तीव्र गति देखकर, अग्रगण्य भौतिक विज्ञानियों को भी आश्चर्य हो रहा है। धीरे-धीरे इससे अनेक महत्वपूर्ण शाखाओं की उत्पत्ति हुई, जैसे रासायनिक भौतिकी, तारा भौतिकी, जीवभौतिकी, भूभौतिकी, नाभिकीय भौतिकी, आकाशीय भौतिकी इत्यादि।
 
भौतिकी का मुख्य सिद्धांत "[[ऊर्जा संरक्षण का नियम|उर्जा संरक्षण का नियम]]" है। इसके अनुसार किसी भी द्रव्यसमुदाय की ऊर्जा की मात्रा स्थिर होती है। समुदाय की आंतरिक क्रियाओं द्वारा इस मात्रा को घटाना या बढ़ाना संभव नहीं। ऊर्जा के अनेक रूप होते हैं और उसका रूपांतरण हो सकता है, किंतु उसकी मात्रा में किसी प्रकार परिवर्तन करना संभव नहीं हो सकता। आइंस्टाइन के [[आपेक्षिकता सिद्धांत|सापेक्षिकता सिद्धांत]] के अनुसार द्रव्यमान भी उर्जा में बदला जा सकता है। इस प्रकार ऊर्जा संरक्षण और द्रव्यमान संरक्षण दोनों सिद्धांतों का समन्वय हो जाता है और इस सिद्धांत के द्वारा भौतिकी और रसायन एक दूसरे से संबद्ध हो जाते हैं।
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== आधुनिक भौतिकी ==
१९०० ईस्वी के पश्चात अनेक क्रांतिकारी तथ्य ज्ञात हुए, जिनको चिरसम्मति भौतिकी के ढाँचे में बैठाना कठिन है। इन नये तथ्यों के अध्ययन करने और उनकी गुत्थियों को सुलझाने में भौतिकी की जिस शाखा की उत्पत्ति हुई, उसको आधुनिक भौतिकी कहते हैं। आधुनिक भौतिकी का द्रव्यसंरचना से सीधा संबंध है। अणुपरमाणु, केंद्रक (न्युक्लियस) तथा मूल कण इनके मुख्य विषय हैं। भौतिकी की इस नवीन शाखा ने वैज्ञानिक विचारधारा को नवीन और क्रांतिकारी मोड़ दिया है तथा इससे समाजिकसामाजिक विज्ञान और दर्शनशास्त्र भी महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित हुए हैं। 'currently solid state physics is known as modern physics where we reads about construction and energy of material. There are some other branches but Electronics is the latest.'
 
वर्तमान मेमें इलेक्तट्रोनिक्स बिषय एक केन्द्र बिन्दु माना जा रहा है जिसके सहारे समूचा विश्व चलायमान है|
 
== भौतिक शास्त्र के प्रमुख क्षेत्र ==