"स्कैंडिनेवियाई भाषाएँ": अवतरणों में अंतर

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== डेनिश भाषा ==
मध्ययुग में 1814 (?) तक नार्वे डेन्मार्क से संयुक्त था और डेनिश शीघ्र ही साहित्य की प्रधान भाषा बन गई। रूपांतरित डेनिश सुशिक्षित लोगों की, विशेषकर नॉर्वे के पूर्वी और दक्षिणी भाग के शहरों में बोलचाल की भाषा बन गई। उन्नीसवीं शताब्दी में राष्ट्रीय आंदोलन की लहर में, विशेषकर पश्चिमी प्रांतीय भाषाओं पर आधारित शुद्ध नॉर्वेजिअन भाषा बनाने की कल्पना को प्रेरणा मिली। इसमें सबसे प्रधान है "इवार आसेन" का 1848 का लिखा हुआ शब्दशास्त्र और 1850 में लिखा हुआ शब्दकोश। आज 35 लाख से अधिक लोग नॉर्वेजिअन भाषा बोलते हैं। डेनिश भाषा पहले रुने डेनिश, फिर प्राचीन डेनिश और बाद में नई डेनिश बन गई। मध्ययुग और उसके बाद के समय में डेनिश भाषा में कुछ विशिष्टताएँ उत्पन्न हो गईं जिससे डेनिश भाषा सनातनी स्वीडिश भाषा से अलग हो गई। यिल्लांड की भाषा, प्रधान द्वीप की भाषा (जिसपर लिखने की भाषा प्रमुख रूप से आधारित है) और पूर्वी डेनिश (बोर्नहोल्म और स्कोने विभाग की) इन प्रांतीय भाषाओं से मिलकर डेनिश भाषा बनी हुई है। 1550 ई. में तीसरे क्रिस्तियान की लिखी हुई बाइबिल से डेनिश भाषा के व्यवहार को डेन्मार्क और नॉर्वे में बहुत महत्वमहत्त्व प्राप्त हुआ। आज जर्मन भाषा के संबंध में सीमारेखा फ्लेन्सबुर्ग के समुद्र की चट्टानों से घिरे हुए मार्ग से (फिओर्ड) विडोस के उत्तर महासागर के निकास तक मानना उचित होगा। अब डेनिश भाषा 47 लाख लोगों में बोली जाती है।
 
== स्वीडिश भाषा ==
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== डेनमार्क का साहित्य ==
मध्ययुगीन डेन्मार्क के सबसे प्रधान साहित्य ग्रंथ हैं डेन्मार्क के वीररसकाव्य, जो स्वीडन और नार्वें में भी प्रस्तुत हुए और जिनको पाँच सौ साल बाद अद्भुत साहित्यविचार के उदय के समय बहुत महत्वमहत्त्व प्राप्त हुआ। अद्भुत काव्य के प्रतिनिधि हैं "ए उहलेनश्लेनगर" (अल्लादिन," "हाकोन "मार्ल"), "ग्रुंडात्विग" और "जे. एल. हैबर्ग"। एस. किर्केगार्ड (एंतेन एलर), जिसको यूरोप में बड़ी लोकप्रियता मिली, सत्य का दृढ़ लेखक था। बच्चों के लिए लिखी गई किंतु गंभीर और जीवन के मर्मभेदी परिज्ञान से युक्त एच. सी. ऐंडरसन की साहस कथाएँ (1835-1872) जगत्प्रसिद्ध हैं। आधुनिक समाज की समालोचना करनेवाले "जॉर्ज ब्राडेंस" (हुवेद स्त्रमनिंगार 1873), अद्भुत कथालेखक "जे. पी. याकोबसेन" (नील्स लिहने 1880) और "हरमान बांग" (हाबलोसे स्लेग्नर 1889) आदि के साहित्य से हुआ। कवि एच. द्राकमान, उपन्यास लेखक "एच. पोंतेप्पिदान" (नोवेल पुरस्कार 1917) "जे. वी. येनसेन" (नोबेल पुरस्कार 1944), एम. ऐंडरसननेक्षो (सुधारक समाज समालोचक पेले एरेब्रेरेन 1910) आदि अन्य साहित्यकार हैं। लघुकथा लेखक हैं "करेन ब्लिक्येन", नाटककार "काय भुंक" और लोककथाओं का यथार्थ वर्णन करनेवाले "मार्टिन ए. हानसेन"।
 
== स्वीडन का साहित्य ==
स्वीडन के मध्यकालीन साहित्य में प्राचीन धारा (एल्द्रे वेस्तयोना लागेन, तेरहवीं शताब्दी) इतिहास, वर्णन (एरिक्स क्रोनिकान, 14वीं शताब्दी के आरंभ से), काव्य, वीरकाव्य और धार्मिक साहित्य का समावेश होता है। साहित्य का प्रधान लेखक है "पवित्र बिगिंत्ता" (14वीं शताब्दी) जिसका लिखा "उप्पेनबारेल्सेर" प्रमुख रूप से लैटिन भाषा में लपेटा हुआ है। गुस्ताव वासा की 1541 में लिखी बाइबिल भाषा और साहित्य दोनों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। स्वीडिश साहित्य को प्राचीन नमूने पर लिखा कलापूर्ण काव्य "जी. स्तिएर्नहिएल्म" ने (हर्क्युलिस 1648) प्रदान किया। "ओ. बी. ढालिन (आर्गस 1732) और "जे. एच. मेंकेलग्रेन" (मृत्यु 1795) के साहित्य पुराने फ्रेंच साहित्य की झलक और वृत्तांत अभिव्यक्त हुआ। पक्षपातहीन कल्पनाप्रधान कवि थे "सी. एल. बेलमान" (1740-1795) जिन्होंने "फ्रेदमांस एपिस्तलार" में एक अमर विलासियों के समुदाय का चित्रण किया। नागरिक सत्य और तीक्ष्ण सामाजिक परिहासपूर्ण लेख लिखे हैं कवियत्रीकवयित्री "ए. एम. लेनग्रेन" ने। अद्भुत साहित्य में प्रमुख हैं कवि "इ. टेंगनेर" (फ्रित्यौफ़्स सागा 1825), "इ. जी. गैयर", "पी. डी. ए. आत्तरबुम" और ई. जे. स्तोग्नेलियुस"। "सी. जे. एल. अल्मक्विस्त" के (तोर्नरोसेन्स बूक 1832-51) साहित्य में नागरिक सत्यकथा तक हुआ गमन प्रस्तुत है। ध्येयवाद और नूतन शास्त्रीय पांडित्य का वर्णन "बी. रिदबेरिय" ने (1828-1895) किया है। प्राकृतिक नियमों के सिद्धांत का प्रमुख प्रतिनिधि है "ए. स्मिंदबेरिय" 1849-1912 रदा रुमेन, हेमसोबुर्ना) जो नॉर्डिक साहित्य में सबसे बड़ा नाटककार (मेस्तर ओलोफ, एन द्रमस्पेल, तिल दमास्कस) है। 1890 के बाद कवि "वी. व. ह्वाइडेनस्ताम" (कारोलीनर्ना, नाबेल पुरस्कार 1909), "इ. ए. कार्लफेल्ट" (नोबेल पुरस्कार 1931)" और स्वीडिश साहित्य के सबसे बड़े कवियों में से एक "जी फ्रेडिग"-इन जैसे राष्ट्रीय साहित्यकारों का उदय हुआ। बाद के साहित्यिकों में विशेषकर "ह्यालमार बेरियमान" "बी. शोबेरिय" (1924 में "क्रीसर ओक क्रान्सर" लिखकर स्वीडिश कविता को पुनर्जन्म प्रदान करनेवाले) "पेर लागरक्विस्न" (नोबेल पुरस्कार 1951), "एच मार्टिनसोन" (अनियारा 1956), "ह्यालमार गुलबेरिय" इत्यादि का समावेश किया जाता है। स्वीडिश भाषा में लिखनेवाले फिनलैंड के साहित्यिकों में प्रधान हैं "जे. एल. रुनेबेरिय" (फेनरिक स्लोल्स सेमर 1848-60)। बाद के समय के कवि "ई. डिकनोनियस" "जी. ल्योर्लिग" और "इडिथ सदरग्रान" इत्यादि हैं।
 
== इन्हें भी देखें==