"माउंट आबू": अवतरणों में अंतर

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skyline caption = नक्की झील महाराजा पैलेस और टोड रॉक|
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[[समुद्र तल]] से १२२० [[मीटर]] की ऊंचाईऊँचाई पर स्थित '''आबू पर्वत''' (माउण्ट आबू) [[राजस्थान]] का एकमात्र पहाड़ी नगर है । इस शहर का प्राचीन नाम अर्बुदांचल था , इस स्थान पर साक्षात भगवान शिव ने भील दंपत्ति आहुक और आहूजा को दर्शन दिए थे । यह [[अरावली पर्वत]] का सर्वोच्च शिखर, जैनियों का प्रमुख तीर्थस्थान तथा राज्य का ग्रीष्मकालीन शैलावास है। अरावली श्रेणियों के अत्यंत दक्षिण-पश्चिम छोर पर ग्रेनाइट शिलाओं के एकल पिंड के रूप में स्थित आबू पर्वत [[पश्चिमी बनास नदी]] की लगभग १० किमी संकरी घाटी द्वारा अन्य श्रेणियों से पृथक् हो जाता है। पर्वत के ऊपर तथा पार्श्व में अवस्थित ऐतिहासिक स्मारकों, धार्मिक तीर्थमंदिरों एवं कलाभवनों में शिल्प-चित्र-स्थापत्य कलाओं की स्थायी निधियाँ हैं। यहाँ की गुफा में एक पदचिहृ अंकित है जिसे लोग [[भृगु]] का पदचिह् मानते हैं। पर्वत के मध्य में [[संगमरमर]] के दो विशाल जैनमंदिर हैं।
 
राजस्थान के [[सिरोही जिला|सिरोही जिले]] में स्थित अरावली की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू की भौगोलिक स्थित और वातावरण राजस्थान के अन्य शहरों से भिन्न व मनोरम है। यह स्थान राज्य के अन्य हिस्सों की तरह गर्म नहीं है। माउंट आबू [[हिन्दु धर्म|हिन्दू]] और [[जैन धर्म]] का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां का ऐतिहासिक मंदिर और प्राकृतिक खूबसूरती सैलानियों को अपनी ओर खींचती है। 1190ई के दौरान आबू का शासन राजा जेतसी परमार भील के हाथो में था , बाद में आबू भीम देव द्वितीय के शासन का क्षेत्र बना <Ref>{{https://books.google.co.in/books?id=0ytuAAAAMAAJ&q=Bhil+ruler&dq=Bhil+ruler&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiRwoD54vHoAhV563MBHZBOA3A4ChDoATAIegQIARA0}}</Ref>