"हिन्दी पत्रकारिता": अवतरणों में अंतर
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== आधुनिक युग ==
1921 के बाद हिंदी पत्रकारिता का समसामयिक युग आरंभ होता है। इस युग में हम राष्ट्रीय और साहित्यिक चेतना को साथ साथ पल्लवित पाते हैं। इसी समय के लगभग हिंदी का प्रवेश विश्वविद्यालयों में हुआ और कुछ ऐसे कृती संपादक सामने आए जो अंग्रेजी की पत्रकारिता से पूर्णत: परिचित थे और जो हिंदी पत्रों को अंग्रेजी, मराठी और बँगला के पत्रों के समकक्ष लाना चाहते थे। फलत: साहित्यिक पत्रकारिता में एक नए युग का आरंभ हुआ। राष्ट्रीय आंदोलनों ने हिंदी की राष्ट्रभाषा के लिए योग्यता पहली बार घोषित की ओर जैसे-जैसे राष्ट्रीय आंदोलनों का बल बढ़ने लगा, हिंदी के पत्रकार और पत्र अधिक
1921 के बाद साहित्यक्षेत्र में जो पत्र आए उनमें प्रमुख हैं-
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==१९९० के बाद ==
90 के दशक में भारतीय भाषाओं के अखबारों, हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में अमर उजाला, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण आदि के नगरों-कस्बों से कई संस्करण निकलने शुरू हुए। जहां पहले महानगरों से अखबार छपते थे, भूमंडलीकरण के बाद आयी
1990 में [[भारतीय पाठक सर्वेक्षण|राष्ट्रीय पाठक सर्वेक्षण]] की रिपोर्ट बताती थी कि पांच अगुवा अखबारों में हिन्दी का केवल एक समाचार पत्र हुआ करता था। पिछले (सर्वे) ने साबित कर दिया कि हम कितनी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस बार (२०१०) सबसे अधिक पढ़े जाने वाले पांच अखबारों में शुरू के चार हिंदी के हैं।
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* [http://www.srijangatha.com/2009-10/jan/shesh-vishesh-patrakaita-dr.tukaram%20goud.htm हिंदी के विकास में मराठी-भाषी पत्रकारों का योगदान]{{Dead link|date=दिसंबर 2020 |bot=InternetArchiveBot }}
* [http://patrakaritaseekhen.blogspot.com/2009/11/blog-post.html विश्व पत्रकारिता का इतिहास] - इसी में हिन्दी पत्रकारिता का इतिहास भी दिया है।
* [http://www.datelineindia.com/Perday.aspx?Story_ID=2548_&Category_ID=3 एक
* [http://arvinddas.blogspot.com/2018/01/blog-post.html हिन्दी पत्रकारिता की भाषा का क्रमिक विकास]
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