"रमज़ान": अवतरणों में अंतर

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==रमज़ान और उपवास (रोज़ा)==
रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग उपवास रखते हैं। उपवास को अरबी में "[[सौम]]" कहा जाता है, इसलिए इस मास को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। फ़ारसी में उपवास को रोज़ा कहते हैं। भारत के मुसलिम समुदाय पर फ़ारसी प्रभाव ज़्यादा होने के कारण उपवास को फ़ारसी शब्द ही उपयोग किया जाता है।<ref>{{Cite web|url=https://news.jagatgururampalji.org/ramadan-2020-hindi/|title=Ramadan in Hindi: रमज़ान 2020 पर मुस्लिम समाज के लिए महत्वपूर्ण जानकारी|last=|first=|date=|website=SA NEWS CHANNEL|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref> हालाँकि किसी भी पवित्र धर्मग्रंथ में उपवास का कोई प्रमाण नहीं है। तथा अल्लाह कबीर वह सर्वशक्तिमान ईश्वर हैं जो पैगंबर मुहम्मद को मिले और उन्हें जन्नत दिखाई।<ref>{{Cite web|url=https://news.jagatgururampalji.org/ramadan-in-hindi/|title=रमज़ान 2021: क़यामत से पहले जाने रमज़ान से नही, बाखबर से नसीब होगी जन्नत|date=2021-05-06|website=S A NEWS|language=en-US|access-date=2021-05-09}}</ref>
 
उपवास के दिन सूर्योदय से पहले कुछ खालेते हैं जिसे सहरी कहते हैं। दिन भर न कुछ खाते हैं न पीते हैं। शाम को सूर्यास्तमय के बाद रोज़ा खोल कर खाते हैं जिसे इफ़्तारी कहते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://www.bbc.com/hindi/india-44168440|title=रमज़ान में रोज़ा रखने से शरीर पर क्या पड़ता है असर?|last=|first=|date=|website=BBC Hindi|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>