"भोपाल": अवतरणों में अंतर

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== पर्यटन ==
[[चित्र:Lakshmi Narayan Temple 01.jpg|thumb|right|300px|लक्ष्मीनारायण मंदिर]]
यहां का छोटा तालाब, [[बड़ा तालाब, भोपाल|बड़ा तालाब]], [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीम बैठका, अभयारण्य]], शहीद भवन तथा [[भारत भवन]] देखने योग्य हैं। भोपाल के पास स्थित [[साँची का स्तूप|सांची]] का [[स्तूप]] भी पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है, जोकि [[यूनेस्को विश्व धरोहर|यूनेस्को]] द्वारा संरक्षित है। भोपाल से लगभग २८28 किलोमीटर दूर स्थित [[भोजेश्वर मन्दिर|भोजपुर मन्दिर]] एक एतिहासिक दर्शनिय स्थल है। भेल स्थित श्रीराम मंदिरमन्दिर, बरखेड़ा एक प्रसिद्ध आस्था का केंद्रकेन्द्र है।
[[File:MP Tourism Bhopal Tourist Van.jpg|thumb|left|300px|मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग की भोपाल दर्शन गाड़ी]]
 
=== [[लक्ष्मीनारायण मंदिर, भोपाल]] ===
: भोपाल के अरेरा पहाड़ी पर पाँच दशक पूर्व स्थापित बिड़ला मंदिरमन्दिर वर्षों से धार्मिक आस्था का केन्द्र रहा है। मंदिरमन्दिर में स्थापित भगवान श्रीहरि विष्णु एवं लक्ष्मीजी की मनोहारी प्रतिमाएँ बरबस ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकृष्ट कर रही हैं। करीब 7-8 एकड़ पहाड़ी क्षेत्र में फैले इस मंदिरमन्दिर की ख्याति देश व प्रदेश के विभिन्न शहरों में फैली हुई है।
: जानकारों के अनुसार इस मंदिर का शिलान्यास वर्ष 1960 में [[मध्य प्रदेश|मध्यप्रदेश]] के तत्कालीन मुख्यमंत्री [[कैलाश नाथ काटजू|डॉ॰ कैलाशनाथ काटजू]] ने किया था और उद्‍घाटन वर्ष 1964 में मुख्यमंत्रीमुख्यमन्त्री [[द्वारका प्रसाद मिश्र]] के हाथों संपन्नसम्पन्न हुआ। मंदिरमन्दिर के अंदरअन्दर विभिन्न पौराणिक दृश्यों की संगमरमर पर की गई नक्काशी दर्शनीय तो है ही, उन पर गीता व रामायण के उपदेश भी अंकित हैं।
:मंदिरमन्दिर के अंदरअन्दर विष्णुजी व लक्ष्मीजी की प्रतिमाओं के अलावा एक ओर शिव तथा दूसरी ओर माँ जगदम्बा की प्रतिमा विराजमान हैं। मंदिर परिसर में हनुमानजी एवं शिवलिंग स्थापित हैं। वहीं मंदिरमन्दिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बना विशाल शंख भी दर्शनीय है। मंदिरमन्दिर की स्थापना के समय पूर्व मुख्यमंत्रीमुख्यमन्त्री कैलाश नाथ ने बिड़ला परिवार को शहर में उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन देने के साथ ही यह शर्त भी रखी थी कि वह इस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में एक भव्य तथा विशाल मंदिरमन्दिर का निर्माण करवाएँ। मंदिरमन्दिर के उद्‍घाटन के समय यहाँ विशाल विष्णु महायज्ञ भी आयोजित किया गया था, जिसमें अनेक विद्वानों व धर्म शास्त्रियों ने भाग लिया था। आज भी यह मंदिरमन्दिर जन आस्था का मुख्य केन्द्र बिन्दु है। जन्माष्टमी पर यहाँ श्रीकृष्ण जन्म का मुख्य आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर विष्णु की आराधना करते है।
 
=== '''श्रीराम मंदिरमन्दिर, बरखेड़ा''' ===
[[चित्र:Ram Darbar .jpg|अंगूठाकार|श्रीराम मंदिर, बरखेड़ा भेल ]]
इस मंदिरमन्दिर में मुख्य मंदिरमन्दिर में विराजे श्रीराम चतुष्ट्य की स्थापना 4 अप्रैल 1971 को हुई थी.थी। यहाँ की सभी मूर्तिया बहुत सुन्दर और अलौकिक है. इस मंदिरमन्दिर का दिव्य वातावरण सबका मन मोह लेता है. करीब 3 एकड़ में फैले इस मंदिरमन्दिर में मनोहारी उपवन है जिसमें अनेक प्रकार के फूल खिलते है। मंदिरमन्दिर में श्रीराम के अलावा दुर्गा जी, योगेश्वर कृष्ण, रामभक्त हनुमान, शंकर जी, शिव जी व् गुरुदेव दत्तात्रेय भी विराजे है. मंदिर परिसर में बच्चों के लिए अनेक झूले भी लगे है.है। घास के बड़े मैदानों में बच्चे किलकारी मारते खेला करते है.है। सुबह व् शाम सुन्दर कर्णप्रिय भजन भक्तों का मन मोह लेते है.है। मंदिरमन्दिर में ऑनलाइन दर्शन की भी व्यवस्था है.है। श्रीराम नवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हनुमान जयंतीजयन्ती, शिवरात्रि, दत्तात्रेय जयंतीजयन्ती समेत अनेक पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाये जाते है.है। विशेष पर्वो पर भोपाल के सभी मंदिरोंमन्दिरों की तुलना में सबसे ज्यादा श्रद्धालु इसी मंदिरमन्दिर में एकत्र होते है.है। श्रीराम नवमी पर तो पूरे दिन मंदिरमन्दिर में पैर रखने तक की जगह नहीं होती।
 
=== [[भोजेश्वर मन्दिर|भोजपुर]] ===
: यह प्राचीन शहर दक्षिण पूर्व भोपाल से 28 किमी की दूरी पर स्थित है। यह शहर भगवान शिव को समर्पित [[भोजेश्वर मन्दिर|भोजेश्‍वर मंदिर]] के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिरमन्दिर को पूर्व का [[सोमनाथ मन्दिर|सोमनाथ]] भी कहा जाता है। भोपाल से 28 किलोमीटर दूर स्थित भोजपुर की स्थापना गुर्जर [[परमार वंश]] के राजा भोज ने की थी। इसीलिए यह स्थान भोजपुर के नाम से चर्चित है। यह स्थान भगवान शिव के भव्य मंदिरमन्दिर और साईक्लोपियन बांधबाँध के लिए जाना जाता है। यहांयहाँ के भोजेश्‍वर मंदिरमन्दिर की सुंदरसुन्दर सजावट की गई है। मंदिरमन्दिर एक ऊंचेऊँचे चबूतरे पर बना है जिसके गर्भगृह में लगभग साढेसाढ़े तीन मीटर लंबालम्बा [[शिवलिंग]] स्थापित है। इसे भारत के सबसे विशाल शिवलिंगों में शुमार किया जाता है।
 
=== [[मोती मस्जिद, भोपाल]] ===
: इस मस्जिद को क़ुदसिया बेग़म की बेटी [[सिकंदर बेगम|सिकंदर जहां बेग़म]] ने 1860 ई.ई॰ में बनवाया था।
 
=== [[ताज-उल-मस्जिद, भोपाल|ताज-उल-मसाजिद, भोपाल]] ===
[[चित्र:2100914-Tal ul Masjid Bhopal.jpeg|200px|thumb|right|ताज-उल-मस्जिद, भोपाल]]
: यह मस्जिद [[भारत]] की सबसे विशाल मस्जिदों में एक है। इस मस्जिद का निर्माण कार्य भोपाल की आठवीं शासिका [[शाहजहांँ बेगम|शाहजहां बे]][[ सिकंदर बेगम|ग़]]<nowiki/> के शासन काल में प्रारंभप्रारम्भ हुआ था, लेकिन धन की कमी के कारण उनके जीवंतपर्यंतजीवन्तपर्यंत यह बन न सकी।
 
=== [[शौकत महल, भोपाल|शौक़त महल, भोपाल]] और [[सदर मंजिल, भोपाल|सदर मंज़िल, भोपाल]] ===
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=== [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीमबेटका गुफ़ाएं]] ===
: दक्षिण भोपाल से 46 किलोमीटर दूर स्थित [[भीमबेटका शैलाश्रय|भीमबेटका की गुफाएं]] प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए लोकप्रिय हैं। यह गुफ़ाएंगुफाएँ चारों तरफ से [[विन्ध्याचल पर्वत शृंखला|विन्‍ध्‍य पर्वतमालाओं]] से घिरी हुईं हैं, जिनका संबंधसम्बन्ध नवपाषाण काल से है। इन गुफ़ाओंगुफाओं के अंदरअन्दर बने चित्र गुफ़ाओंगुफाओं में रहने वाले प्रागैतिहासिक काल के जीवन का विवरण प्रस्‍तुत करते हैं। यहां की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 12 हजार वर्ष पूर्व की मानी जाती है।
 
=== [[शौर्य स्मारक]] ===
:[[शौर्य स्मारक]] शहर के अरेरा हिल्स इलाके में स्थित है। इसका उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्रीप्रधानमन्त्री श्री [[नरेन्द्र मोदी|नरेंद्र मोदी]] के द्वारा 14 अगस्त 2016 को किया गया। स्मारक 12 एकड़ में फैला हुआ है। इसे पार्क के रूप में विकसित किया गया है और पाकिस्तान व चीन से हुए युद्धों से संबंधितसम्बन्धित प्रदर्शनियांप्रदर्शनियाँ भी है।बोटहै। बोट क्लब-
 
=== बोट क्लब ===
:बोट क्लब श्यामला हिल्स में है जहाँ आप बोटिंग का आनंदआनन्द ले सकते हैं। बोट क्लब में शामिल हैं स्टीमर बोट और बहुत कुछ।
 
==भोपाल की वनस्पतियां==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/भोपाल" से प्राप्त