गुमनाम सदस्य
→गौतम बुद्ध
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<big>इस प्रकार अस्सी वर्ष की आयु तक धर्म का प्रचार करते हुए उन क्षेत्रों में भ्रमण करते रहे जो वर्तमान समय में [[उत्तर प्रदेश]] और [[बिहार]] के के अन्तर्गत आते हैं। [[श्रावस्ती]] में उनका सर्वाधिक निवास हुआ और उसके बाद [[राजगृह]], [[वैशाली]] और [[कपिलवस्तु]] में।</big>
<big>प्रसिद्ध [[महापरिनिर्वाण सूत्र]] में बुद्ध की अंतिम पदयात्रा का मार्मिक विवरण प्राप्त होता है। बुद्ध उस समय राजगृह में थे जब मगधराज [[अजातशत्रु]] वृजि जनपद पर आक्रमण करना चाहता था। राजगृह से बुद्ध पाटलि ग्राम होते हुए [[गंगा]] पार कर वैशाली पहुँचे जहाँ प्रसिद्ध गणिका [[आम्रपाली]] ने उनको भिक्षुसंघ के साथ भोजन कराया। इस समय परिनिर्वाण के तीन मास शेष थे। वेलुवग्राम में भगवान् ने वर्षावास व्यतीत किया। यहाँ वे अत्यन्त रुग्ण हो गए। वैशाली से भगवान् भंडग्राम और भोगनगर होते हुए [[पावा]] पहुँचे। वहाँ चुंद कम्मारपुत्त के आतिथ्य ग्रहण में
==<big>बुद्ध के समकालीन</big>==
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