"हनुमान": अवतरणों में अंतर

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</ref> रामायण के अनुसार वे [[सीता|जानकी]] के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंगबली भी हैं। हनुमान जी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिये हुआ। हनुमान जी के पराक्रम की असंख्य गाथाएँ प्रचलित हैं। इन्होंने जिस तरह से राम के साथ [[सुग्रीव]] की मैत्री कराई और फिर वानरों की मदद से राक्षसों का मर्दन किया, वह अत्यन्त प्रसिद्ध है।
 
ज्योतिषीयों के सटीक गणना के अनुसार हनुमान जी का जन्म [[५८|58]] हजार [[११२|112]] वर्ष पहले तथा लोकमान्यता के अनुसार त्रेतायुग के अन्तिम चरण में [[चैत्र पूर्णिमा]] को मंगलवार के दिन [[चित्रा नक्षत्र]] व [[मेष लग्न]] के योग में सुबह 6.03 बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफा में हुआ था।<ref>{{Cite web |url=http://www.jagran.com/spiritual/religion-fantastic-day-today-kaliyug-treta-today-as-coincidence-11235898.html?src=HP-REL-ART |title=संग्रहीत प्रति |access-date=16 मई 2014 |archive-url=https://web.archive.org/web/20151221223956/http://www.jagran.com/spiritual/religion-fantastic-day-today-kaliyug-treta-today-as-coincidence-11235898.html?src=HP-REL-ART |archive-date=21 दिसंबर 2015 |url-status=live }}</ref>
 
इन्हें बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक [[वज्र]] की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।