"शाकम्भरी": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन
पंक्ति 98:
[[File:Shakumbhari.jpg|thumb|शाकम्भरी देवी]]
==मंदिर मे चारों प्रतिमाओं का रहस्य==
माता शाकम्भरी देवी जी के मंदिर मे माता शाकम्भरी के साथ भीमा देवी, भ्रामरी देवी और शताक्षी देवी के श्री विग्रह विराजमान है ये देवियाँ कौन है? इन सभी माताओं का वर्णन दुर्गा सप्तशती के मूर्ति रहस्य और ग्यारहवें अध्याय मे भी मिलता है।
'''माता शताक्षी देवी''' माता शताक्षी देवी स्वयं शाकम्भरी देवी ही है। दुर्गमासुर के अत्याचारों से संतप्त जब पृथ्वी पर पानी का अभाव हो गया था तब आयोनिजा भगवती ने अपने शरीर पर सौ नेत्र प्रकट कर संसार मे वृष्टि की अत: माँ का एक नाम शताक्षी हुआ।
 
'''माता भीमा देवी''' माँ भीमा देवी का स्वरूप माँ ने उस समय धारण किया जब हिमालय और शिवालिक क्षेत्र मे राक्षसों का साम्राज्य हो गया था। वे दानव ऋषि मुनियों की तपस्या मे विघ्न डालते थे अत: माँ जगदम्बा ने भीम भयंकर रूप धारण कर दानवों का संहार किया और भीमा देवी के नाम से जगत मे विख्यात हुई।
 
'''माता भ्रामरी देवी''' अरूण नामक राक्षस के अत्याचारों से जब देव पत्नियों का भी सतीत्व खतरे मे पड गया। तब महादेवी शक्ति ने उसके वरदान के अनुसार भ्रमरों का रूप धारण किया और उसका वध कर दिया। इसी रूप मे देवी को भ्रामरी कहा जाने लगा।
 
==पंचकोसी सिद्धपीठ==