"पंजाब क्षेत्र": अवतरणों में अंतर

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|url-status=live
}}</ref> पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में [[शक]]ों, [[हफथाली लोग|हूणों]], [[पठान|पठानों]] व [[मुग़ल साम्राज्य|मुगलों]] ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। [[आर्य|आर्यो]] का आगमन भी [[हिन्दु कुश|हिन्दुकुश]] पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की [[सिन्धु नदी]] की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात् सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-[[झेलम नदी|झेलम]], [[चनाब नदी|चेनाब]], [[रावी नदी|राबी]], [[व्यास]] और [[सतलुज नदी|सतलज]] इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल।
 
पंजाब का इतिहास
 
भारत और पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में भारतीय व आर्य लोगों के साथ-साथ आंशिक रूप से विभिन्न स्वदेशी समुदायों के लिए एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध है। मध्य एशिया और मध्य पूर्व से कई आक्रमणों के परिणामस्वरूप, कई जातीय समूह और धर्म पंजाब की सांस्कृतिक विरासत बनाते हैं। प्रागैतिहासिक काल में दक्षिण एशिया की सबसे पुरानी ज्ञात संस्कृतियों में से एक, सिंधुघाटी सभ्यता, इस क्षेत्र में स्थित थी।
 
==सन्दर्भ==