"प्राणायाम": अवतरणों में अंतर

→‎परिचय: योगरनथों के अनुसार प्राणायाम संबंधी श्लोक ।
→‎प्राणायाम: छोटा सा सुधार किया।
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
पंक्ति 2:
[[चित्र:Kumbhaka terminology.svg|right|thumb|300px|मोनियर-विलियमस ने प्राणायाम को [[कुम्भक]] के रूप में इस प्रकार परिभाषित किया है। इसमें क्षैतिज अक्ष पर समत है, और ऊर्ध्व अक्ष पर फेफड़ों में वायु की मात्रा]]
 
'''प्राणायाम''' [[योग]] के आठ अंगों में से एक है। अष्टांग योग में आठ प्रक्रियाएँ होती हैं- [[यम]], [[नियम]], [[आसन]], [[प्राणायाम]], [[प्रत्याहार]], [[धारणा]], [[ध्यान]], तथा [[समाधि]] । प्राणायाम = प्राण + आयाम । इसका का शाब्दिक अर्थ है - 'प्राण (श्वसन) को लम्बा करना' या 'प्राण (जीवनीशक्ति) को लम्बा करना'। (प्राणायाम का अर्थ 'स्वास को नियंत्रित करना' या कम करना नहीं है।) प्राण या श्वास का आयाम या विस्तार ही प्राणायाम कहलाता है। यह प्राण -शक्ति का प्रवाह कर व्यक्ति को जीवन शक्ति प्रदान करता है।
 
[[हठयोग प्रदीपिका|हठयोगप्रदीपिका]] में कहा गया है-