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ज्वालामुखी ( volcano ) विस्फोट अचानक घटित होने वाली एक विनाशकारी घटना है पृथ्वी के आंतरिक भाग में उपस्थित पिघली शैल तप्त लावा एवं गर्म गैसे उन स्थानों से नि:सृत होते हैं जो दुर्बल है इन दुर्बल स्थानों से जब यह पदार्थ निकलते हैं
ज्वालामुखी वह क्रिया है, जिसमें गर्म पदार्थ की धरातल की तरफ या धरातल पर आने की सभी क्रियाएँ सम्मिलित की जाती है
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[[चित्र:Tavurvur volcano edit.jpg|right|thumb|300px|तवुर्वुर का एक सक्रिय ज्वालामुखी फटते हुए, राबाउल, [[पापुआ न्यू गिनी|पापुआ न्यू गिनिया]]]]
[https://vikramblog.in/%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0/ ज्वालामुखी] वह क्रिया है जिसके अंतर्गत पृथ्वी के भीतर गैस एवं लावा की उत्पत्ति से लेकर उनके पृथ्वी के भीतर तथा बाहर प्रकट होने की सभी क्रियाये सम्मिलित की जाती है. '''ज्वालामुखी''' [[पृथ्वी]] की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म [[लावा]], [[गैस]], राख आदि बाहर आते हैं।<ref>माजिद हुसैन, [http://books.google.co.in/books?id=WelOAgAAQBAJ&lpg=SA1-PA30&dq=%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%80&pg=SA1-PA28#v=onepage&q=%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%80&f=false ज्वालामुखी] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20141129084214/http://books.google.co.in/books?id=WelOAgAAQBAJ&lpg=SA1-PA30&dq=%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%80&pg=SA1-PA28#v=onepage&q=%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%81%E0%A4%96%E0%A5%80&f=false |date=29 नवंबर 2014 }}, संक्षिप्त भूगोल, गूगल पुस्तक, अभिगमन तिथि २४-११-२०१४</ref> वस्तुतः यह पृथ्वी की [[भूपर्पटी|ऊपरी परत]] में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार [[स्थलरूप]] को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है।
 
ज्वालामुखी का सम्बंध [[प्लेट विवर्तनिकी]] से है क्योंकि यह पाया गया है कि बहुधा ये प्लेटों की सीमाओं के सहारे पाए जाते हैं क्योंकि प्लेट सीमाएँ पृथ्वी की ऊपरी परत में विभंग उत्पन्न होने हेतु कमजोर स्थल उपलब्ध करा देती हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थलों पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं जिनकी उत्पत्ति [[भूप्रावार पिच्छक|मैंटल प्लूम]] से मानी जाती है और ऐसे स्थलों को हॉटस्पॉट की संज्ञा दी जाती है।