"कलियुग": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Mojkardibete (वार्ता | योगदान) No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका |
No edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका: बदला |
||
पंक्ति 10:
__सूचीबद्ध__
__विषय_जोड़ें_कड़ी__
नई दिल्ली: [https://newsindialive.in/knowing-the-five-secrets-of-the-kalyug-you-will-be-surprised-to-know/ भगवान कृष्ण ने महाभारत] काल में ही कलयुग का विस्तार पूर्वक वर्णन कर दिया था। कलयुग में लोग कैसे होंगे ,जीवन कैसे व्यतीत होगा,लोगों का व्यवहार एक-दूसरे के प्रति कैसा होगा यह सब उस काल में ही बताया जा चूका था। यहाँ हम प्रस्तुत करेंगे भगवान कृष्ण द्वारा कलयुग के बारे में बतायी गयी पांच कड़वी बातें। जो आज शत प्रतिशत सच हो रही है।
कलयुग के सत्य
महाभारत काल में पांचों पांडवों के मन में कलयुग के बारे में जानने की जिज्ञासा थी। उन्होंने श्री कृष्ण से एक बार पूछा की कलयुग में मनुष्य कैसा होगा। लोगों के विचार कैसे होंगे और मोक्ष प्राप्ति कैसे होगी। ये प्रश्न सुनकर श्री कृष्ण ने पांचों पांडवों को वन में जाने को कहा। साथ ही ये येभी कहा की तुम जो कुछ भी वहां देखो उसे मेरे पास आकर विस्तार से बताना। श्री कृष्ण का आदेश पाकर पांचों भाई वन गए और कुछ समय बाद वापस आये। पफीर एक एक कर पांचों भाइयों ने वन में जो देखा था वो भगवान कृष्ण को बताया।
युधिष्ठिर के प्रश्न
सबसे पहले युधिष्ठिर ने श्री कृष्ण को बताया की उनहोने वन में दो सूंढ़ वाले हाथी को देखा। तब कृष्ण ने कहा की कलयुग में ऐसे लोग राज करेंगे जो बोलेंगे कुछ और कुछ और। ये लोग दोनों ओर से शोषण करेंगे।
भीम के प्रश्न
उसके बाद भीम ने बताया की उसने वन में देखा की -एक गाय अपने बच्चे को इतना चाट रही थी की उस बच्चे का खून निकलने लगा। तब श्री कृष्ण ने इसका अर्थ बताया। श्री कृष्ण ने बताया की कलयुग का मनुष्य अपने बच्चों से इतना आसक्त होगा की ऐसी ममता के कारण बच्चों का विकास ही रुक जायेगा। यदि किसी प् पुत्र साधू बना तो सब उसके दर्शन करेंगे। परन्तु यदि स्वंय का पुत्र साधू बना तो माता-पिता दुखी हो जायेंगे। रोयेंगे की मेरा पुत्र किस राह पर जा रहा है। कलयुग में लोग बच्चों को मोहमाया और परिवार में ही बांधकर रखेंगे। इस तरह उसका जीवन वहीँ नष्ट हो जायेगा। फिर कृष्ण ने कहा की तुम्हारे पुत्र तुम्हारे नहीं बल्कि तुम्हारी पत्नियों की अमानत है। और पुत्रियां तुम्हारी अमानत है। यह शरीर मृत्यु की अमानत है और आत्मा परमात्मा की अमानत है।
अर्जुन के प्रश्न
इसी तरह भीमसेन के बाद अर्जुन ने बताया की -उसने एक पक्षी को देखा जिसकी पंख पर वेद की रुचाई लिखी हुई थी। परन्तु वो एक मनुष्य का मांस कह रहा था। यह देखकर मैं हैरान हो गया। तब श्री कृष्ण ने बताया की कलयुग में ऐसे लोग होंगे जिन्हे विद्वान कहा जायेगा ,किन्तु उनकी मंशा यही होगी की किसकी जल्दी मृत्यु हो जिससे उसकी सम्पति को अपना लिया जाये। व्यक्ति का ओहदा चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो किन्तु उसकी दृष्टि दूसरों की सम्पति पर ही रहेगी। ऐसे लोग बहुत होंगे जो दूसरे के धन को छिनने को आतुर होंगे। वास्तविक संत तो कोई-कोई ही होगा।
नकुल के प्रश्न
अर्जुन के बाद फिर नकुल ने श्री कृष्ण को वन के बारे में बताया। नकुल ने कहा की मैंने देखा की एक भारी चट्टान पर्वत से गिरी और बड़े से बड़े वृक्ष भी उसे नहीं रोक पाए। परन्तु एक छोटे से पौधे से टकरा कर वह चट्टान वहीँ रुक गई। तब इसका अर्थ बताते हुए श्री कृष्ण ने कहा की ,कलयुग में मनुष्य की बुद्धि क्षीण होंगी। उसका जीवन पतन होगा और इस पतन को धन या सत्ता के वृक्ष रोकने में सक्षम नहीं होंगे। किन्तु हरिनाम रुपी एक छोटे से पौधे से मनुष्य का जीवन पतित होने से रुक जायेगा। हरी कीर्तन से मनुष्य की बुद्धि प्रबल होगी।
सहदेव के प्रश्न
अपने चारों भाइयो की तरह सहदेव ने भी भगवान कृष्ण से वन की बात बतायी। सहदेव ने बताया की उसने वन में अनेकों कुएं देखे। जिनमे से केवल बिच का कुआं खाली था जो की सबसे गहरा था। कृष्ण ने सहदेव को इसका अर्थ बताते हुए कहा की कलयुग में धनि व्यक्ति अपने शौक के लिए पुत्री विवाह में,उत्सवों में बहुतायत में धन खर्च करेंगे। परन्तु यदि किसी भूखे को देखेंगे तो उसकी सहायता करने में किसी की कोई रूचि नहीं होगी। इन्द्रियों की संतुष्टि,मदिरापान,मांस भक्षण और व्यसन में धन खर्च किया जायेगा। जो लोग ऐसी आदतों से दूर होंगे उनपर कलयुग का नहीं बल्कि परमात्मा का प्रभाव होगा।
|