"अंगद": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छोNo edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1:
[[रामायण]] का एक पात्र, पंचकन्या में से एक तारा तथा [[किष्किंधा]] के राजा [[बाली]] का
अंगद अंगद संबंधी प्राचीन आख्यानों में केवल बालमिकि रामायण ही प्रमाण है। यद्यपि बाल्मिकि के अंगद में हनुमान के समान बल, साहस, बुद्धि और विवेक है। परंतु उनमें हनुमान जैसी हृदय की सरलता और पवित्रता नहीं है।
सीता शोध में विफल होने पर जब वानर प्राण दंड की संभावना से भयभीत होकर विद्रोह करने पर तत्पर दिखाई पड़ते हैं तब अंगद भी विचलित हो जाते हैं। यदि वे अंततोगत्वा कर्तव्य पथ पर दृढ़ रहते हैं तो इसका कारण हनुमान के विरोध की आशंका ही है।
[[श्रेणी:पौराणिक/साहित्यिक चरित्र]]
[[श्रेणी:रामायण]]
|