"शक्ति पीठ": अवतरणों में अंतर

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पुराण ग्रंथों, तंत्र साहित्य एवं तंत्र चूड़ामणि में जिन बावन शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है, वे निम्नांकित हैं। निम्नलिखित सूची 'तंत्र चूड़ामणि' में वर्णित इक्यावन शक्ति पीठों की है। बावनवाँ शक्तिपीठ अन्य ग्रंथों के आधार पर है। इन बावन शक्तिपीठों के अतिरिक्त अनेकानेक मंदिर देश-विदेश में विद्यमान हैं। [[हिमाचल प्रदेश]] में नयना देवी का पीठ (बिलासपुर) भी विख्यात है। गुफा में प्रतिमा स्थित है। कहा जाता है कि यह भी शक्तिपीठ है और सती का एक नयन यहाँ गिरा था। इसी प्रकार [[उत्तराखण्ड|उत्तराखंड]] के पर्यटन स्थल [[मसूरी]] के पास [https://web.archive.org/web/20160827062818/https://en.wikipedia.org/wiki/Surkanda_Devi]'''सुरकंडा]]''' देवी का मंदिर (धनौल्टी में) है। यह भी शक्तिपीठ है। कहा जाता है कि यहाँ पर सती का सिर धड़ से अलग होकर गिरा था। माता सती के अंग भूमि पर गिरने का कारण भगवान श्री [[विष्णु]] द्वारा [[सुदर्शन चक्र]] से सती माता के समस्तांग विछेदित करना था।ऐसी भी मान्यता है कि उत्तरप्रदेश के सहारनपुर के निकट एक अति प्राचीन शक्तिपीठ क्षेत्र मे माता का शीश गिरा था जिस कारण वहाँ देवी को दुर्गमासुर संहारिणी [[शाकम्भरी]] कहा गया। यहाँ भैरव भूरादेव के नाम से प्रथम पुजा पाते हैं।
 
==जाग्रत सिद्ध शक्तिपीठ==
* काली माता [[कलकत्ता]]
* हिंगलाज भवानी