"पर्वत निर्माण": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Rescuing 3 sources and tagging 0 as dead.) #IABot (v2.0.1 |
Vikram maske (वार्ता | योगदान) मोडदार या वलित पर्वतों की व्याख्या के क्रम में भूसन्नति संकल्पना का विकास हुआ टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका |
||
पंक्ति 23:
== कोबर के अनुसार पर्वत-निर्माण ==
कोबर ने वलित पर्वतों की उत्पत्ति के संबंध में [https://vikramblog.in/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%ac%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ad%e0%a5%82%e0%a4%b8%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%a8%e0%a4%a4%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%bf%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%82/ भू-सन्नति सिद्धांत] का प्रतिपादन किया कोबर के अनुसार पर्वत-निर्माण-क्रिया में कोई अग्रप्रदेश या पृष्ठप्रदेश नहीं होता है बल्कि दोनों ही अग्रप्रदेश होते हैं। दोनों प्रदेश भू-अभिनति की ओर खिसकते हैं। इससे दोनों ओर मोड़ पड़ते हैं, जो मध्यपिंड के दोनों ओर एक दूसरे की विपरीत दिशा में होते हैं। इनके मध्य में मध्यपिंड (median mass) होता है।
=== कोबर के अनुसार हिमालय का निर्माण ===
|