"इस्लाम के सम्प्रदाय एवं शाखाएँ": अवतरणों में अंतर

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= इस्लाम का विभाजन =
इस्लाम के पूर्व से ही अरब के लोग दूसरों को लूटने और आपसी शत्रुता के कारण लड़ते रहते थे .लेकिन मुसलमान बन जाने पर मोहम्मदउनको साहबलड़ने नेऔर उन्हेंहत्याएं एककरने जुटके करलिए दियाधार्मिक लेकिनआधार मोहम्मदमिल साहबगया। केवह वफातअक्सर केअपने कुछविरोधियों सालको बाद[[मुशरिक]], दो[[मुनाफिक]] गिरोहऔर बन[[काफ़िर]] गएतक जिसकहने वजहलगे सेऔर जंगखुद भीको सच्चा मुसलमान बताने हुईलगे और बहोतअपने हरेक दुष्कर्म को कुरान की किसी भी आयत या किसी भी हदीस का हवाला देकर जायज बताने लगे। धीरे धीरे सत्ता का विवाद धार्मिक रूप धारण करता गया। मुहम्मद की मौत के बाद मेंही जायह विवाद इतना उग्र हो गया की मुसलमानों ने ही मुहम्मद के दामाद अली और उनके पुत्र हसन हुसैन को परिवार सहित क़त्ल कर सुन्नीदिया। शियाउसके गिरोहबाद वजूदही इस्लाम के टुकड़े होना शुरू हो गए। इसके बारे में खुद मुहम्मद ने मेभविष्यवाणी आयेकी थी-
 
१) "अबू हुरैरा ने कहा कि,रसूल ने कहा था कि यहूदी और ईसाई तो 72 फिरकों में बँट जायेंगे , लेकिन मेरी उम्मत 73 फिरकों में बँट जाएगी , और सब आपस में युद्ध करेंगे "'''(अबू दाऊद-जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4579''')
 
२) "अबू अमीर हौजानी ने कहा कि ,रसूल ने मुआविया बिन अबू सुफ़यान के सामने कहा कि ,अहले किताब (यहूदी ,ईसाई ) के 72 फिरके हो जायेंगे ,और मेरी उम्मत के 73 फिरके हो जायेंगे ..और उन में से 72 फिरके बर्बाद हो जायेंगे और जहन्नम में चले जायेंगे .सिर्फ एक ही फिरका बाकी रहेगा ,जो जन्नत में जायेगा "'''अबू दाऊद -जिल्द 3 किताब 40 हदीस 4580''' .