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इस सुलहनामे को [[हुदैबिया]] नामक स्थान पर होने के कारण [[सुल्हे हुदैबिया|हुदैबिया की संधि]] के नाम से जाना जाता है !
इस प्रकार की शर्तो के द्वारा मुआविया सिर्फ नाम मात्र का शासक रह गया। वो सिर्फ इस्लामी मुल्कों से भारी मात्रा में टैक्स वसूलकर उसे मनमाने तरीके से खर्च करता था ! इस्लामी शिक्षा का केंद्र [[ हसन]] और उनके बाद बनके भाई [[हुसैन]] और बाद के वंशजों के ही पास बना रहा ! प्रसिध्द [[सूफी]] विचारधारा पूर्णरूप से [[अहलेबैत]] अर्थात [[अल्लाह]] , [[मुहम्मद]] और इसके पश्चात [[अली]] और उनके वंशजो से प्रेरित है और उनकी विचारधारा में अन्य किसी विचारधारा का कोई स्थान नहीं है ! मुआविया के वंश का शासन ७५० इस्वी तक रहा और उन्हें [[उमय्यद]] कहा गया।
 
मुआविया से शिया समुदाय खासी नफरत रखता है लेकिन सुन्नी उन्हे ए क अच्छा मुहम्मद साहब के साथी मानते है जिन्हीने क़ुरान को एक किताबी रूप में लाने में मदद किये और मुआविया के लिए खुद मुहम्म द साहब ने अच्छी दुआ अल्लाह से की थी, सुन्नी ये मानते है कि शिया किताबो मे माविया के खिलाफ लिखी गयी गलत बाते झूट और नफर त, फ़िरक़ा वारियत से प्रभावित है
 
== शिया सम्प्रदाय के विभाग ==