"आल्हा": अवतरणों में अंतर

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}}
[[चित्र:MAHOBA, U.P. - allha.preview.jpg|right|thumb|300px|वीर चंद्रवंशी आल्हा]]
इस पेज को मुगल पूत समुदाय ने हैक कर लिया हे, ये वही समुदाय हे जिसने प्राचीन काल में मुगलों को अपनी सैकड़ों बेटियां बेची थी, इसी मुगल पूत समुदाय ने भारत में इस्लाम बसाया था,
'''आल्हा''' मध्यभारत में स्थित ऐतिहासिक बुंदेलखण्ड के सेनापति थे और अपनी वीरता के लिए विख्यात थे। आल्हा के छोटे भाई का नाम ऊदल था और वह भी वीरता में अपने भाई से बढ़कर ही था। जगनेर के राजा [[जगनिक]] ने [[आल्ह-खण्ड]] नामक एक काव्य रचा था उसमें इन वीरों की 52 लड़ाइयों की गाथा वर्णित है।<ref>{{Cite book |last=मिश्र |first=पं० ललिता प्रसाद|title=आल्हखण्ड |language= |edition=15 |year=2007 |आल्हा ने 52 लड़ाईयां लडी और जीती कभी कोई आल्हा को नहीं हरा सक |publisher=तेजकुमार बुक डिपो (प्रा०) लि० |location=पोस्ट बॉक्स 85 [[लखनऊ]] 226001 |page=1-11 (
 
यए एक अनाथ समुदाय हे इसलिए ये यदुवंशी वीर अहीर यादवों को अपना बाप बनाना चाहता है, लेकिन यादव तो खुद भगवान ओर देवता समान हे, इस तरह में मिलावटी खून को वी स्वीकार्य नहीं करेंगे, इसलिए ये लोग यादवों का इतिहास चुराने में लगे हे
 
 
'''आल्हा''' मध्यभारत में स्थित ऐतिहासिक बुंदेलखण्ड के सेनापति थे और अपनी वीरता के लिए विख्यात थे। आल्हा के छोटे भाई का नाम ऊदल था और वह भी वीरता में अपने भाई से बढ़कर ही था। जगनेर के राजा [[जगनिक]] ने [[आल्ह-खण्ड]] नामक एक काव्य रचा था उसमें इन वीरों की 52 लड़ाइयों की गाथा वर्णित है।<ref>{{Cite book |last=मिश्र |first=पं० ललिता प्रसाद|title=आल्हखण्ड |language= |edition=15 |year=2007 |आल्हा ने 52 लड़ाईयां लडी और जीती कभी कोई आल्हा को नहीं हरा सक |publisher=तेजकुमार बुक डिपो (प्रा०) लि० |location=पोस्ट बॉक्स 85 [[लखनऊ]] 226001 |page=1-11 (
महोबे का इतिहास)}}</ref>
 
"https://hi.wikipedia.org/wiki/आल्हा" से प्राप्त