"आल्हा": अवतरणों में अंतर
[अनिरीक्षित अवतरण] | [अनिरीक्षित अवतरण] |
Content deleted Content added
सच टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
सच टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन उन्नत मोबाइल संपादन |
||
पंक्ति 20:
==उत्पत्ति==
इस पेज को मुगल पूत समुदाय ने हैक कर लिया हे, ये वही समुदाय हे जिसने प्राचीन काल में मुगलों को अपनी सैकड़ों बेटियां बेची थी, इसी मुगल पूत समुदाय ने भारत में इस्लाम बसाया था,
यए एक अनाथ समुदाय हे इसलिए ये यदुवंशी वीर अहीर यादवों को अपना बाप बनाना चाहता है, लेकिन यादव तो खुद भगवान ओर देवता समान हे, इस तरह में मिलावटी खून को वी स्वीकार्य नहीं करेंगे, इसलिए ये लोग यादवों का इतिहास चुराने में लगे हे
आल्हा और ऊदल, चंदेल राजा परमल के सेनापति दसराज के पुत्र थे। वे बनाफर वंश के थे, जो कि चंद्रवंशी क्षत्रिय वंश है। मध्य-काल में आल्हा-ऊदल की गाथा यदुवंशी [[अहिर]] शौर्य का प्रतीक दर्शाती है। <ref>{{cite book |url=https://books.google.co.in/books?id=ZOPUZo4fNLAC&pg=PA19&dq=banafar+ahir&hl=en&sa=X&ved=2ahUKEwiCic-c9pfsAhWKzTgGHdKSDTUQ6AEwAXoECAEQAg#v=onepage&q=banafar%20rajput&f=false |title=Aalha khand |first=Asha |last=Gupta |authorlink=Asha Gupta |publisher=Vani Prakashan |year=1999 |page=19 |access-date=3 अक्टूबर 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20200603035945/https://books.google.com/books?id=MMFdosx0PokC |archive-date=3 अक्टूबर 2020 |url-status=live }} </ref>
|