"भाई मनसुख": अवतरणों में अंतर

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गुरु कि शाखीया मे से संदर्भ है
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'''भाई मनसुख''' (जन्म 502 जुलै 1464) ([[गुरमुखी]] : ਭਾਈ ਮਨਸੁੱਖ), [[गुरु नानक]] के परम भक्त तथा [[लाहौर]] क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यापारी थे। [[सिख धर्म]] की नींव रखने में इनका बड़ा योगदान रहा है। वे सिख धर्म के पहले प्रचारक भी माने जाते हैं।
 
भाई मनसुख (बणजारा) एक लाहोर के सबसे बड़े ब्यापारी थे। उस काल मे सिर्फ ब्यापार का काम वो ही लोग करते थे जिन्हें बणजारा कहते थे। [[दिल्ली]] से लेकर लाहोर तक ओर राजस्थान से लेकर जम्मु काश्मिर तक हर तहफ बंणजारो केही काफिले नजर आते थे। तब के सबसे अमिर बंणजारे होते थे विदोशो में घुमना उनके लिये आम बात होती थी। मनसुख भाई का ब्यापार अरब से लेकर लंका तक फैला हुआ था।