"ख़ोजा": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
added sources and references and added some info about the community.
पंक्ति 1:
{{DISPLAYTITLE:खोजा}}
{{स्रोतहीन|date=मई 2019}}
'''खोजा''' [[मुसलमान|मुसलमानों]] का एक समाज जो मुख्यत: [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] और [[महाराष्ट्र]] के निवासी हैं। 'खोजा' (ख्वाजा) [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] ठाकुर का समानार्थी समझा जाता है। ये लोग [[मिस्र]] के इस्माइली पंथ के अनुयायी [[शिया इस्लाम|शिया]] हैं। ये लोग मूलत: सिंध निवासी लोहाड़ा जाति के [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] हैं जिन्हें 12वीं शती ई. में नूर सतागुर नामक फकीर ने मुसलमान धर्म में दीक्षित किया।
 
खोजा:(जाट गोत्र<ref>{{Cite web|url=https://sirchhoturam.com//|title=jat community gotra list}}</ref>): इस गोत्र के जाट मारवाड़, अजमेर मेरवाड़ा और झूझावाटी में पाये जाते हैं। यह नाम किस कारण पड़ा, यह तो मालूम नहीं हो सका, किन्तु ग्यारहवीं शताब्दी में इनका राज्य टोंक में था यह पता लग गया है। ‘तारीखर राजगान हिन्द’ के लेखक मौलवी हकीम नजमुलगनीखां ने टोंक राज्य के वर्णन में लिखा है - "शहर टोंक लम्बाई में उत्तर 26 अक्षांश 10 देशान्तर और चौड़ाई में पच्छिम 45 अक्षांश 57 देशान्तर पर देहली से मऊ जाने वाली सड़क से चिपटा हुआ है, देहली से दक्षिण पच्छिम में 218 मील मऊ से उत्तर में 289 मील फासले पर बनास नदी के किनारे पर अवस्थित है। यहां यह नदी प्रायः दो फीट पानी की गहराई से बहती है। शहर के चारों ओर दीवार है और उसमें कच्चा किला है। एक इतिहास में लिखा है कि खोजा रामसिंह ने किसी युद्ध के बाद देहली से आकर संवत् 1300 विक्रमी मिती माघ सुदी तेरस को इस स्थान पर नगर आबाद किया। उस नगर का नाम टोंकरा रखा था। यह आबादी अब तक कोट के नाम से मशहूर है। अर्से के बाद माह सुदी पंचमी संवत् 1337 को अलाउद्दीन खिलजी ने माधौपुर और चित्तौड़ फतह किये, तब इस गांव की दुबारा आबादी हुई। ‘वाकया राजपूताना’ में इसी भांति लिखा हुआ है। किन्तु इसमें शंका यह है कि ‘सिलसिला तालुमुल्क’ के लेखानुसार अलाउद्दीन खिलजी सन् 1295 ई. में शासक हुआ और सन् 1316 ई. में मर गया। इस हिसाब में उसका शासन-काल संवत् 1352 से 1372 के बीच में या इससे एकाध साल आगे-पीछे करार पाता है। सन् 1806 ई. में टोंक अमीरखां के कब्जे में आया। उसने शहर से एक मील दक्षिण में अपने निवास के लिये राज-भवन और दफ्तर बनाये। इससे मालूम होता है कि राजा रामसिंह के वंशजों ने टोंक पर सन् 1003 से सन् 1337 अथवा 1352 तक राज किया। खिलजी अथवा अन्य किसी भी मुसलमान सरदार ने उनका गढ़ तहस-नहस कर दिया। तब फिर से दुबारा बसाया गया। (जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृ.607) <ref>{{Cite web|url=https://www.jatland.com/home/%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%9F_%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8:%E0%A4%A0%E0%A4%BE%E0%A4%95%E0%A5%81%E0%A4%B0_%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C|title=(जाट इतिहास:ठाकुर देशराज}}</ref><ref>{{Cite web|url=https://www.jatland.com/home/Khoja|title=खोजा (जाट गोत्र)}}</ref>
खोजा इसमाइलियों पर [[वैष्णव पंथ]] की छाप है। वे लोग अपने गुरु को [[कृष्ण]] का अवतार कहते हैं। इस पंथ के पीर नसीरुद्दीन का कहना था कि आदम [[विष्णु]] हैं; [[हसन इब्न अली|हसन]] उनके दसवें अवतार हैं। [[मुहम्मद]] शिव हैं, पाँचों इमाम पंच पांडव हैं। इस संप्रदाय के [[हसन अली]] नामक इमाम ने अपनी गद्दी [[भारत]] में स्थापित की। उन्हीं के वंशज [[आगा खाँ]] हैं जो खोजा लोगों के नेता माने जाते हैं।
 
खोजा लोग अधिकांशत: व्यापारी हैं और [[श्रीलंका]], [[सिंगापुर]], [[चीन]], [[जापान]], [[ईरान]], [[अरब]] तथा पूर्वी अफ्रीका तक इनके व्यापार का विस्तार है। इस कारण कुछ खोजा लोग अरब, जंजीबार आदि देशों में जा बसे है।
 
खोजा जाटों ने '''11वीं शताब्दी''' में टोंक में शासन किया '''था''' । 'तारिख राजगण हिन्द' के रचयिता ने टोंक का भौगोलिक विवरण तथा बनास नदी पर स्थित टोंक नगर की स्थिति का उल्लेख किया है। उन्होंने आगे कहा गया है कि '''खोजा राम सिंह''' पर एक युद्ध के बाद दिल्ली इस जगह के लिए आया था और स्थापना की Tonkra (टोंकरा) पर शहर ''मघा सुदी तेरस संवत्'' 1003 (947 ईस्वी)। ''माघ सुदी 5 संवत'' 1337 (1281 ईस्वी) पर एक लंबी अवधि के बाद जब गयास उददीन बलबन ने माधौपुर और चित्तौड़गढ़ जीता , यह शहर फिर से बसा हुआ था और टोंक कहा जाता था . इस प्रकार रामसिंह के वंशजों ने टोंक पर संवत १००३ से संवत १३३७ (९४७-१२८१ ई.) तक शासन किया। गयास '''उद दीन बलबन''' (1266-1286), पूर्व गुलाम, सुल्तान नासिर उद दीन महमूद के दामाद ने इस शहर को नष्ट कर दिया था, जिसका पुनर्वास किया गया था। <ref>{{Cite web|url=https://www.archive.org/stream/descriptivelists00hirarich#page/50/mode/2up|title=स्रोत - (एपिग्राफिया इंडिका, खंड XII, पृष्ठ 44 एफएफ।)}}</ref>
<references />
[[श्रेणी:धर्म]]
[[श्रेणी:इस्लामनागौर ज़िला]]
[[श्रेणी:भारतहिन्दू केधर्म समुदायकी शाखा]]
[[श्रेणी:मारवाड़ के शासक]]
{{DEFAULTSORT:खोजा }}
__सूचीबद्ध__
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ख़ोजा" से प्राप्त