"ईश्वर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
Suchitprajapati3 के अवतरण 5204942पर वापस ले जाया गया : Reverted (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 12:
| year=१९६५
}}</ref>
 
[[File:YHWH.svg|thumb|200px|नाम [[यहोवा]] इब्रानी में]]
 
== धर्म और दर्शन में परमेश्वर की अवधारणाएँ ==
Line 40 ⟶ 42:
इस्लाम मे मुसलमानो को खड़े खुले में पेशाब(इस्तीनज़ा) करने की इजाज़त नही क्योंकि इससे इंसान नापाक होता है और नमाज़ पढ़ने के लायक नही रहता इसलिए इस्लाम मे बैठके पेशाब करने को कहा गया है और उसके बाद पानी से शर्मगाह को धोने की इजाज़त दी गयी है।
 
इस्लाम मे 5 वक्त की नामाज़ मुक़र्रर की गई है और हर नम्र फ़र्ज़ है। इस्लाम मे रमज़ान एक पाक महीना है जो कि 30 दिनों का होता है और 30 दिनों तक रोज रखना जायज़ हैजिसकी उम्र 12 या 12 से ज़्यादा हो।<ref>{{Cite web|url=https://www.jansatta.com/religion/ramadan-2019-history-and-significant-know-about-how-long-ramadan-what-is-its-recognition-in-islam/1002116/|title=जानिए, कब से शुरू हुआ रमजान, इस्लाम में क्या है इसकी मान्यता|date=2019-05-04|website=Jansatta|language=hi|access-date=2020-10-03}}</ref> 12 से कम उम्र पे रोज़ फ़र्ज़ नही। सेहत खराब की हालत में भी रोज़ फ़र्ज़ नही लेकिन रोज़े के बदले ज़कात देना फ़र्ज़ है। वैसा शख्स जो रोज़ा न रख सके किसी भी वजह से तो उसको उसके बदले ग़रीबो को खाना खिलाने और उसे पैसे देने या उस गरीब की जायज़ ख्वाइश पूरा करना लाज़मी है। मुसलमान कुरान का ज्ञान देने वाले को अल्लाह सम्पूर्णमानते श्रष्टीहैं लेकिन सूरत 25 आयत 59 में प्रमाण है कि वास्तविक अल्लाह कुरान का रचयिताज्ञान देने वाले से भिन्न है, और हरउसका चीज़नाम सूरजकबीर चांदहै<ref>{{Cite तारेweb|url=https://www.jagatgururampalji.org/hi/quran-sharif|title=कुरान धरतीशरीफ आदि(इस्लाम) उसीमें केसर्वशक्तिमान हुक्मअविनाशी काभगवान पालन(अल्लाह करतेकबीर) हैं{{!}} Jagat Guru Rampal Ji|website=www.jagatgururampalji.org|access-date=2020-10-03}}</ref>
 
=== हिन्दू पन्थ ===
"https://hi.wikipedia.org/wiki/ईश्वर" से प्राप्त