"मीरा बाई": अवतरणों में अंतर

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#    मीरा की मल्हार
#    मीरा पदावली
मीरा ने गोपियों की तरह कृष्ण को अपना पति माना और उनकी उपासना, माधुर्य भाव की भक्ति पद्धति है । मीरा का जीवन कृष्णमय था और सदैव कृष्ण भक्ति में लीन रहती थी । मीरा बाई भक्ति काल की कृष्ण भक्ति धारा की श्रेष्ठ कवियत्री है । '''मीरा के पद''' - मेरो तो गिरधर गोपाल, दूसरों न कोई'''।'''
 
== इन्हें भी देखें==
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== बाहरी कड़ियाँ==
* [https://indianhistoryhindi.com/%e0%a4%ae%e0%a5%80%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ac%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%9c%e0%a5%80%e0%a4%b5%e0%a4%a8-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9a%e0%a4%af/ मीराबाई का संपूर्ण जीवन परिचय] कृष्ण दीवानी मीरा]
*[https://web.archive.org/web/20140819122344/http://kavitakosh.org/kk/%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%88 कविताकोश पर मीराबाई]
* [https://web.archive.org/web/20140722094344/http://www.anubhuti-hindi.org/bhaktisagar/meerabai/index.htm अनुभूति पर मीराबाई]