"मीरा बाई": अवतरणों में अंतर

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#    गीत गोविंद
#    गोविंद टीका
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#    राग सोरठा
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#    नरसीजी रो मायारा
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#    मीरा की मल्हार
#    मीरा पदावली
मीरा ने गोपियों की तरह कृष्ण को अपना पति माना और उनकी उपासना, माधुर्य भाव की भक्ति पद्धति है । मीरा का जीवन कृष्णमय था और सदैव कृष्ण भक्ति में लीन रहती थी । मीरा बाई भक्ति काल की कृष्ण भक्ति धारा की श्रेष्ठ कवियत्री है । '''मीरा के पद''' - मेरो तो गिरधर गोपाल, दूसरों न कोई'''।'''
 
== इन्हें भी देखें==