"हनुमान मंदिर, प्रयागराज": अवतरणों में अंतर
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अंत में क्रोधित होकर बालगिरी बाबा ने सभी सैनिकों को श्राप दे दिया और खुद दूर जाकर बरगद के पेड़ के नीचे तपस्या करने लगे। श्राप की वजह से समस्त मुगल सेना भयंकर रोगग्रस्त हो गई। तब मुगल बादशाह औरंगजेब घबराया और बाबा बालगिरी के पास जाकर क्षमा याचना करने लगा और कहने लगा हे! बाबा हमें क्षमा कर दो हम इस मंदिर के चमत्कार को मानते हैं। हम इस मंदिर को नहीं छुएंगे और आज हमारे सैनिकों को अरोग्य होने का आशीर्वाद दीजिए।
[https://www.janoisko.com/2019/04/blog-post80.html भारत में लेटे हुए हनुमान जी मूर्ति एक मात्र मूर्ति]
[[श्रेणी:उत्तर प्रदेश के हिन्दू तीर्थ]]
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