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गुफा मंदिर, भोपाल
<div style="padding:10px 40px;background:gray;color:#6cc8f3;font-size:300%;">
धर्म संबंधी जानकारीसम्बद्धताहिंदू धर्मअवस्थिति जानकारीअव
'''एक लेख लिखना'''<br/><span style="font-size:75%;color:white;" class="plainlinks">सीखें आप एक लेख कैसे निर्मित कर सकते हैं।</span>
स्थितिभोपाल, मध्य प्रदेश, भारत
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वास्तु विवरणप्रकारहिन्दू वास्तुकला
निर्माताश्री महंत नारायणदास जी त्यागी
 
<div style="font-size:120%;text-align:center;">प्रयोग करने के लिए आप आम [[वि:प्रयोगपृष्ठ|प्रयोगपृष्ठ]] – अथवा यदि आपने लॉग-इन किया है तो [[Special:MyPage/प्रयोगपृष्ठ|आपका व्यक्तिगत प्रयोगपृष्ठ]] (भावी सुगमता के लिए अपने [[Special:MyPage|सदस्य पृष्ठ]] पर '''{{Tlc|[[Template:My sandbox|My sandbox|अपने सदस्य नाम से प्रतिस्थापित करें]]}}''' जोड़ें।<br/><br/> एक लेख लिखने के लिए आप [[Wikipedia:Article wizard|लेख विज़ार्ड]] पर सहायता प्राप्त कर सकते हो; अथवा बहुत ही साधारण विवरण के लिए '''[[वि:स्वशिक्षा|यहाँ]]''' देखें।</div>
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गुफा मंदिर भोपाल के प्रमुख पर्यटन स्थलों के शीर्ष में सम्मिलित है तथा शहर के केंद्र से लगभग ५ किलो मीटर की दूरी पर लालघाटी नामक स्थान पर स्थित है और यात्रियों व दर्शकों के मध्य आकर्षण का केंद्र है। गुफा मंदिर की खोज वर्ष १९४९ में श्री महंत नारायणदास जी त्यागी द्वारा की गई थी तथा पुनर्निर्माण कार्य ०२ अप्रैल १९६५ (चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा दिन शुक्रवार संवत २०२२) को उन्हीं के द्वारा किया गया था।[1]
गुफामंदिर के महंत -
1-स्वमी नारायण दास जी महाराज 1949 से 1976
-स्वामी साकेतबसी महंत श्री नरहरिदास जी त्यागी 1976 से 14 जनबरी 1996
3-1008 महंत श्री चन्द्रमा दास जी त्यागी 1996 से 1 मई 2021
4- वर्तमान में -1008 महंत श्री प्रवेशदास जी त्यागी जी महाराज
एवं अधिकारी महंत श्री विमल दास जी त्यागी महंत ।
वर्तमान महंत जी के बारे में----
महंत परम्परा एवं वर्तमान महंत-
गुफामंदिर के वर्तमान महन्त एवं अधिकारी जी की संदर्भ में
श्रीमहन्त श्री रामप्रवेश दास जी महाराज जी सद्गुरूदेव श्री मुरलीमनोहर दास जी महाराज गुरूभाई श्री त्रिवेणीदास जी महाराज महन्त श्री आद्यवाराह पीठ वाराहघाट बृन्दावन उत्तरप्रदेश श्रीमहन्त रामप्रवेश दास जी महाराज एक बहुत बड़े ब्राह्मण गंगातीर निवासी भारद्वाज गौत्र में बदायु जिला में जन्म हुआ इनके पिता बहुत बड़े धनाढ्य और विद्वान के आप इकलोती सन्तान हैं लगभग 9 बर्ष की उम्र में ही आपको वैराग्य हुआ और गुरूदेव के शरणागत हो गए इनके गुरूदेव श्री त्रिवेणीदास जी महाराज ने अपने सामने ही इन्हे महन्त पद से अलंकृत किया । जिसमें दिगम्वर अखाड़ा एवं टीलागद्याचार्य
मंगलपीठाधीश में भी स्वर ने एवं ठाकोर वाराहघाट की परम्पर के महन्तों ने आपको चादर उड़ाकर के अलंकृत किया आपके काका गुरूदेव गुफामंदिर के संस्थापकाध्यक्ष अनन्तश्रीविभूषित स्वामीश्रीनारायण दास जी मह।राज के आप अर्थात श्री रामप्रवेश दास जी महाराज भतीजा चेला हैं और आपके गुरूभाई साकेतवासी श्री नरहरिदास जी महाराज के कृपा पात्र श्रीमहन्त चन्द्रमादास जी महाराज आपके भतीजा चेला थे इन सब विशम परस्थितियों में आप श्री को इस पद पर अलंकृत करने का निश्चय मंगलपीठाधीश्वर पूज्यमहाराज जी ने ऐसा निश्चय किया है जो गुफामंदिर एवं सनातन धर्म की मान मर्यादा में संबल प्राप्त होगा। पूज्य वाराहघाट के संस्थापक श्री धीरेन्द्र दास जी महाराज उनके वाद श्री नन्दरामदास जी महाराज उनके वाद श्री बालकराम दास जी महाराज उनके अनन्तर श्री सर्वेश्वर दास जी महाराज उनके वाद श्री त्रिवेणीदास जी महाराज उनके वाद श्री रामप्रवेश दास जी महाराज यह वाराहघाट एवं गुफा मंदिर की विशुध्द परम्परा है भारत वर्ष के विविध प्रान्तों के विविध शहरों में चल रहे सकड़ो आश्रमों का संरक्षतत्व वाराह घाट करता है और वाराह घाटका संरक्षतत्व डाकौर मंगलपीठ करता है इस मर्यादा में चलने वाले प्रत्येक आश्रम की सुरक्षा एवं संचालन के दायित्व का निर्वाह मंगलपीठाधीश्वर स्वामी श्रीमाधवाचार्य जी महाराज करते हैं उन्ही के आदेशानुसार पूर्ण मर्यादा का पालन करते हुए महन्त पद पर श्रीवाराह घाट वाले श्रीमहन्त जी को सुशोभित किया जा रहा है और अधिकारी पद पर सम्पूर्ण व्यवस्थाओं और मर्यादाओं का सम्पोषण करने के लिए इसी विशुद्ध परम्परा के साकेतवासी पूर्व श्री महन्त जी महाराज के कृपा पात्र श्री विजयरामदास जी महाराज जो पवित्र शाण्डिल्य गौत्रीय विप्र के यहाॅ मध्यप्रदेश में ही आपका जन्म हुआ । आपकी शिक्षा दीक्षा गुफा मंदिर की परम्परा में सम्पन्न हुई। आपने रामानन्द संस्कृत महाविद्यालय से आचार्य की डिगरी प्राप्त की और निरन्तर 35 वर्षों से गुरू आश्रम छोड़कर अन्यत्र कोई आश्रम या आश्रय ग्रहण नही किया इस लिए ऐसे निष्ठावान,त्याग पुरूष श्री विजयरामदास जी महाराज को श्री महन्त रामप्रवेशदास जी महाराज ने अपने अधिकारी पद पर रहने के लिए स्वामी माधवाचार्य जी से प्रार्थना की और उन्होने सम्पूर्ण समाज एवं ट्रष्टी लोगों को उपस्थित कर इन संत श्री विजयराम दास जी महाराज को अधिकारी पद पर नियुक्त किया जिसमें किसी तरह का कोई विवाद नही है यह सम्पूर्ण कार्य सेकड़ो महन्त एवं श्रीमहन्तों की उपस्थिति में कार्य सम्पन्न होना है।
इति शुभम् भूयात्
दीपक भार्गव, पूर्व छात्र गुफामन्दिर, भोपाल