"लाल क़िला": अवतरणों में अंतर

ujhggjnb
पंक्ति 8:
 
== इतिहास ==
राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय और मुगल वास्तुशैली से बने इस भव्य ऐतिहासिक कलाकृति का निर्माण पांचवे मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था। यह शानदार किला दिल्ली के केन्द्र में यमुना नदी के तट पर स्थित है, जो कि तीनों तरफ से यमुना नदीं से घिरा हुआ है, जिसके अद्भुत सौंदर्य और आर्कषण को देखते ही बनता है।
यह किला भी [[ताजमहल]] और [[आगरा का किला|आगरे के क़िले]] की भांति ही [[यमुना]] नदी के किनारे पर स्थित है।
लालकोट राजा [[पृथ्वीराज चौहान]] की बारहवीं सदी के अन्तिम दौर में राजधानी थी। वही नदी का जल इस किले को घेरकर खाई को भरती थी। इसके पूर्वोत्तरी ओर की दीवार एक पुराने किले से लगी थी, जिसे सलीमगढ़ का किला भी कहते हैं। सलीमगढ़ का किला [[इस्लाम शाह सूरी]] ने 1546 में बनवाया था। लालकिले का पुनर्निर्माण 1638 में आरम्भ होकर 1648 में पूर्ण हुआ। मतों के अनुसार इसे [[लालकोट]] का एक पुरातन किला एवं नगरी बताते हैं, जिसे शाहजहाँ ने कब्जा़ करके यह किला बनवाया था।
11 मार्च 1783 को, सिखों ने लालकिले में प्रवेश कर दीवान-ए-आम पर कब्जा़ कर लिया। नगर को मुगल वजी़रों ने अपने सिख साथियों का समर्प कर दिया। यह कार्य करोर सिंहिया मिस्ल के सरदार बघेल सिंह धालीवाल के कमान में हुआ
 
विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल दुनिया के इस सर्वश्रेष्ठ किले के निर्माण काम की शुरुआत मुगल सम्राट शाहजहां द्धारा 1638 ईसवी में करवाई गई थी। भारत के इस भव्य लाल किले का निर्माण काम 1648 ईसवी तक करीब 10 साल तक चला।
 
मुगल बादशाह शाहजहां के द्धारा बनवाई गई सभी इमारतों का अपना-अपना अलग-अलग ऐतिहासिक महत्व है। जबकि उनके द्धारा बनवाया गया ताजमहल को उसके सौंदर्य और आर्कषण की वजह से जिस तरह दुनिया के सात अजूबों में शुमार किया गया है, उसी तरह दिल्ली के लाल किला को विश्व भर में शोहरत मिली है। इस भव्य ऐतिहासिक किले के प्रति लोगों की सच्ची श्रद्धा और सम्मान है।
[[चित्र:Red Fort facade.jpg|700px|thumb|center|<cente Tarun talluri के।
 
आपको बता दें कि शाहजहां, इस किले को उनके द्धारा बनवाए गए सभी किलों में बेहद आर्कषक और सुंदर बनाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने 1638 ईसवी में ही अपनी राजधानी आगरा को दिल्ली शिफ्ट कर लिया था, और फिर तल्लीनता से इस किले के निर्माण में ध्यान देकर इसे भव्य और आर्कषक रुप दिया था।
 
इस भव्य किला बनने की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली को शाहजहांनाबाद कहा जाता था, साथ ही यह शाहजहां के शासनकाल की रचनात्मकता का मिसाल माना जाता था। मुगल सम्राट शाहजहां के बाद उसके बेटे औरंगजेब ने इस किले में मोती-मस्जिद (Moti Masjid) का भी निर्माण करवाया था।
 
वहीं 17वीं शताब्दी पर जब लाल किले पर मुगल बादशाह जहंदर शाह का कब्जा हो गया था, तब करीब 30 साल तक लाल किले बिना शासक का रहा था। इसके बाद नादिर शाह ने लाल किले पर अपना शासन चलाया I
सके बाद 18वीं सदी में अंग्रेजों ने लाल किले पर अपना कब्जा जमा लिया और इसे किले में जमकर लूट-पाट की। भारत की आजादी के बाद सबसे पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस पर तिरंगा फहराकर देश के नाम संदेश दिया था।
 
वहीं आजादी के बाद लाल किले का इस्तेमाल सैनिक प्रशिक्षण के लिए किया जाने लगा और फिर यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप में मशहूर हुआ, वहीं इसके आर्कषण और भव्यता की वजह से इसे 2007 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था और आज इसकी खूबसूरती को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे देखने दिल्ली जाते हैं।
 
[[चित्र:Red Fort facade.jpg|700px|thumb|center|<cente Tarun talluri के।]]
 
== नाप जोख ==