"कोशिकीय श्वसन": अवतरणों में अंतर
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श्वसन क्रिया के क्रेब चक्र के दौरान पायरूविक अम्ल [[ऑक्सेलोएसिटिक अम्ल]] से क्रिया करता है। इसमें तीन सह-एन्जाइम (विटामिन) काम आते हैं।<ref>{{cite web |url= http://paryavaran-digest.blogspot.com/2008/04/blog-post_7669.html|title=क्या पौधों को भी विटामिन चाहिए
|accessmonthday=[[१३ मई]]|accessyear=[[२००९]]|format=एचटीएमएल|publisher=पर्यावरण डाइजेस्ट|language=}}</ref> सर्वप्रथम पाइरूविक अम्ल इन्जाइम की उपस्थिति में आक्सीकृत होकर कार्बन डाईआक्साइड तथा हाइड्रोजन में बदल जाता है। हाइड्रोजन डाइड्रोजन ग्राही [[एनएडी]] (NAD) के साथ संयुक्त होकर [[एनएडीएच टू]] (NADH<sub>2</sub>) बनाता है तथा कार्बन डाईआक्साइड गैस वायुमंडल में मुक्त हो जाती है। एनएडीएच टू (NADH<sub>2</sub>) में उपस्थित हाइड्रोजन कई श्वसन इन्जाइमों (
== अनाक्सीय श्वसन ==
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