"यथार्थवाद (अंतरराष्ट्रीय संबंध)": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Thucydides-bust-cutout ROM.jpg|thumb|right|'''थूसीडाइड''' 'पेलोपोंनेसियन युद्ध' का लेखक, एक प्रारंभिक "यथार्थवादी" विचारक माना जाता है।
<ref>See Forde,Steven, (1995), 'International Realism and the Science of Politics:Thucydides, Machiavelli and Neorealism,' International Studies Quarterly 39(2):141-160</ref>]]
{{अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांत|अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों के सिद्धान्त}}
 
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यथार्थवाद या राजनीतिक यथार्थवाद,<ref name="iep.utm.edu">{{Cite web |url=http://www.iep.utm.edu/polreal/ |title=संग्रहीत प्रति |access-date=14 दिसंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20130112214001/http://www.iep.utm.edu/polreal/ |archive-date=12 जनवरी 2013 |url-status=dead }}</ref> अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संबंधोंसम्बन्धों के शिक्षण की शुरुआत के बाद से ही अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संबंधोंसम्बन्धों का प्रमुख सिद्धांतसिद्धान्त रहा है।<ref name="ReferenceA">Dunne, Tim and Schmidt, Britain, The Globalisation of World Politics, Baylis, Smith and Owens, OUP, 4th ed, p</ref> यह सिद्धांतसिद्धान्त उन प्राचीन परम्परागत दृष्टिकोणों पर भरोसा करने का दावा करता है, जिसमें थूसीडाइड, मैकियावेली और होब्स जैसे लेखक शामिल हैं। प्रारंभिकप्रारम्भिक यथार्थवाद को आदर्शवादी सोच के खिलाफ एक प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यथार्थवादियों ने द्वितीय विश्व युद्ध के प्रकोप को आदर्शवादी सोच की कमी के एक सबूत के रूप में देखा था। आधुनिक यथार्थवादी विचारों में विभिन्न किस्में हैं, हालांकि, इस सिद्धांतसिद्धान्त के मुख्य सिद्धांतोंसिद्धान्तों के रूप में '''राज्य नियंत्रणनियन्त्रण वाद''', '''अस्तित्व''' और '''स्वयं सहायता''' को माना जाता है।<ref name="ReferenceA"/>
* '''राज्य नियंत्रणनियन्त्रण वाद/सांख्यबाद (Statism)''': यथार्थवादियों का मानना ​​है कि राष्ट्र राज्य (Nation States) अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय राजनीति में मुख्य अभिनेता होते हैं,<ref>Snyder, Jack, 'One World, Rival Theories, Foreign Policy, 145 (November/December 2004), p.59</ref> इस प्रकार यह अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संबंधोंसम्बन्धों का एक राज्य केंद्रितकेन्द्रित (State Centric) सिद्धांतसिद्धान्त है। यह विचार उदार (Liberal) अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संबंधोंसन्बम्धों के सिद्धांतोंसिद्धान्तों के साथ विरोधाभास प्रकट करता है, जो गैर राज्य अभिनेताओं (Non-state Actors) और अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका को भी अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संबंधोंसम्बन्धों के सिद्धांतोंसिद्धान्तों में समायोजित करता है।
* '''जीवन रक्षा/[[अस्तित्ववाद|अस्तित्व]] (Survival)''': यथार्थवादियों का मानना ​​है कि अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय प्रणाली अराजकता के द्वारा संचालित है, जिसका अर्थ है कि वहाँ कोई केंद्रीयकेन्द्रीय सत्ता नहीं है, जो राष्ट्र राज्यों में सामंजस्य रख सके।<ref name="iep.utm.edu"/> इसलिए, अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय राजनीति स्वार्थी (Self-interested) राज्यों के बीच सत्ता के लिए एक संघर्ष है।<ref>Snyder, Jack, 'One World, Rival Theories, Foreign Policy, 145 (November/December 2004), p.55</ref>
* '''स्वयं सहायता (Self-help)''': यथार्थवादियों का मानना ​​है कि राज्य के अस्तित्व की गारंटीगारण्टी के लिए अन्य राज्यों की मदद पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए राज्य को अपनी सुरक्षा स्वयं के बल पर ही करनी चाहिए।
यथार्थवाद में कई महत्वपूर्ण मान्यताएंमान्यताएँ हैं। यथार्थवादी मानते हैं कि राष्ट्र - राज्य इस अराजक अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय प्रणाली में ऐकिक (Unitary) व भौगोलिक आधारित अभिनेता (Actors) हैं, जहाँ कोई भी वास्तविक आधिकारिक विश्व सरकार के रूप में मौजूद नहीं है जो इन राष्ट्र- राज्यों के बीच अन्तः क्रिया या सहभागिताओं को विनियमित (Regulate) करने में सक्षम हो। दूसरे, यह अंतरसरकारी संगठनों (IGOs), अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय संगठनों (IOs), [[स्वयं सेवक संगठन|गैर सरकारी संगठनों]] (NGOs), या [[बहुराष्ट्रीय कम्पनी|बहुराष्ट्रीय कंपनियों]] (MNCs) के बजाय [[सम्प्रभु राज्य|संप्रभु राज्यों]] (Sovereign states) को ही अंतरराष्ट्रीयअन्तरराष्ट्रीय मामलों में प्राथमिक अभिनेता मानते हैं। इस प्रकार, राज्य ही, सर्वोच्च व्यवस्था के रूप में, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा में रहते हैं। ऐसे में, एक राज्य अपने अस्तित्व को बनाए रखने, अपनी खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और इन प्राथमिक उद्देश्यों के साथ अपने स्वयं के स्वार्थ की खोज में एक तर्कसंगत स्वायत्त अभिनेता के रूप में कार्य करता है और इस तरह अपनी [[सम्प्रभुता|संप्रभुता]] और अस्तित्व की रक्षा करने का प्रयास करता है। यथार्थवादी मानते हैं कि राष्ट्र राज्य अपने हितों की खोज में, अपने लिए संसाधनों को एकत्र करना करने का प्रयास है और ये राज्यों के बीच के संबंधोंसम्बन्धों को सत्ता के अपने संबंधितसम्बन्धित स्तरों द्वारा निर्धारित करते हैं। शक्ति का यह स्तर राज्य के सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक क्षमताओं से निर्धारित होता है।
'''मानव स्वभाव यथार्थवादीयों''' (''Human nature realists'') का मानना ​​है, कि [[राज्य]] स्वाभाविक रूप से ही आक्रामक होते हैं अतः क्षेत्रीय विस्तार को शक्तियों का विरोध करके ही असीमाबद्ध किया गया है। जबकि दुसरे '''आक्रामक/ रक्षात्मक यथार्थवादीयों''' (''Offensive/defensive realists'') का मानना ​​है कि राज्य हमेंशा अपने अस्तित्व की सुरक्षा और निरंतरतानिरन्तरता की चिंताचिन्ता से ग्रस्त रहते हैं। रक्षात्मक दृष्टिकोण एक [[सुरक्षा दुविधा]] (Security dilemma) की तरफ ले जाता है, क्योंकि जहांजहाँ एक [[सम्प्रभु राज्य|राष्ट्र]] खुद की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हथियार बनता है, तो वहीं प्रतिद्वंद्वीप्रतिद्वन्द्वी भी साथ ही साथ समानांतरसमानान्तर लाभ प्राप्त करने की कोशिश करता है। इसलिए यह प्रक्रिया और अधिक अस्थिरता की ओर ले जा सकती है यहाँ [[सुरक्षा]] को केवल '''शून्य राशि खेल/[[शून्य-संचय खेल]]''' ([[शून्य-संचय खेल|ज़ीरो सम गेम्स]]) के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ केवल [[सापेक्ष लाभ]] मिल सकता है।
 
== इन्हें भी देखें ==