"सरस्वती शिशु मंदिर": अवतरणों में अंतर
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[[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ]] द्वारा संचालित विद्या भारती के विद्यालयों को '''सरस्वती शिशु मंदिर''' एवं ""सरस्वती विद्या मंदिर"" कहते हैं। संघ परिवार सरस्वती शिशु मंदिर की शिक्षा प्रणाली को अभिनव रूप में मानते हुवे इसका प्रसार करता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिध्दि मिली है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरस्वती शिशु मंदिर अच्छा विकल्प स्वीकार किया जा सकता है। यहां कइ प्रकार कि प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जैसे : बौद्धिक, शारीरिक, वैदिक मंच आदि
2. सरस्वती विद्यालयों में दिन कि शुरुआत संस्कृत की विभिन्न आवश्यक मंत्रों जैसे गायत्री मंत्र, ओमकार मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सरस्वती वंदना, अन्न ग्रहण मंत्र, विसर्जन मंत्र एवं अन्य जगहों तथा वहां को संस्कृति के आधार पर होती है।
3. पाठ्यक्रम:- अगर पाठ्यक्रम की बात करें तो सरस्वती विद्यालय में बच्चों के शारीरिक, मानसिक, व्यावहारिक, वैचारिक तथा धार्मिक विचारधारा के साथ साथ बच्चों को अंग्रेजी भाषा का भी विशेष अध्ययन कराया जाता है ।
4. अनुशासन :- बच्चों को अपनी संस्कृति तथा संस्कार के बारे में बचपन से ही सिखाया जाता है, जैसे कि सुबह उठका माता पिता एवं अपने से बड़ों के चरण स्पर्श करना अपने से बड़ों का आदर करना । सरस्वती विद्यालय में अपने सहपाठियों को भैय्या, तथा बहन बुलाया जाता है जैसे भैय्या हेमंत या बहन सुनीता । इस प्रकार से विद्यार्थियों में आपस में सामंजस्य कि भावना उत्पन्न होती है।
5. विद्यार्थियों को देशप्रेम तथा देश भक्ति के लिए प्रेरित किया जाता है । सरावती विद्यालय के विद्यार्थी अपने मार्ग कभी नहीं भटक सकते तथा अपनी मां तथा मातृभूमि के लिए अपने प्राणों कि आहुति देने से कभी नहीं चूकते, क्योंकि उन्हें बचपन से वातावरण भी उस्प्रकर से मिलता
6. देश के गौरव तथा सनातन धर्म को सुदृढ़ बनाने में सरस्वती स्कूल अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं
7.अस्तो मा सदगमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय
जय जननी
जय मातृभूमि
==इतिहास==
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