"कोशिकीय श्वसन": अवतरणों में अंतर

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== अनाक्सीय श्वसन ==
{{main|अनाक्सी श्वसन}}
अनाक्सीय श्वसन में आक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ती है तथा यह आक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। इस क्रिया में भोजन का अपूर्ण आक्सीकरण होता है। जन्तुओं में इस क्रिया के फलस्वरूप कार्बन डाई-आक्साइड तथा [[लैक्टिक अम्ल]] का निर्माण होता है तथा पौधों में कार्बन डाई-आक्साइड तथा [[इथाइल अल्कोहल]] बनता है एवं बहुत कम मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। इस प्रकार का श्वसन कुछ निम्न श्रेणी के पौधों, [[यीस्ट]], [[जीवाणु]], एवं अन्तः परजीवी जन्तुओं जैसे [[गोलकृमि]], [[फीताकृमि]],<ref>{{cite book |last=राय |first=उमाशंकर|title= जीव विज्ञान दर्पण |year=जुलाई 1983 |publisher=बापू पुस्तक भण्डार |location=कलकत्ता |id= |page=132 |accessday= ३|accessmonth= जून|accessyear= २००९}}</ref> मोनोसिस्टिस इत्यादि में होता है। कुछ विशेष परिस्थितियों में उच्च श्रेणी के जन्तुओं, पौधों के ऊतकों, बीजों, रसदार फलों आदि में भी आक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। मनुष्यों या उच्च श्रेणी के जीवों की माँसपेशीयों के थकने की अवस्था में यह श्वसन होता है। जिन जीव धारियों में यह श्वसन होता है उसे [[एनएरोब्स]] कहते हैं।[[चित्र:361px-Ethanol fermentation es.svg.png|thumb|200px|अल्कोहोलिक किण्वन]] ऑक्सीय श्वसन के समान ही अनाक्सी श्वसन के प्रारम्भ में ग्लाइकोलिसिस की क्रिया होती है जिसके अंत में [[पाइरूविक अम्ल]] बनता है। आगे की प्रक्रिया में आक्सीजन के अभाव में पाइरूविक अम्ल का पूर्ण आक्सीकरण नहीं हो पाता है अतः इस श्वसन में आक्सीय श्वसन की तुलना में बहुत कम ऊर्जा उत्पन्न होती है। पौधों में यह पाइरूविक अम्ल कार्बोक्सीलेज इन्जाइम की उपस्थिति में [[एसिटल्डिहाइड]] और कार्बन डाइ आक्साइड में बदल जाती है। इसके बाद एसिटल्डिहाइड डिहाइड्रोजिनेज इन्जाइम की उपस्थिति में NADH2 द्वार अवकृत होकर NAD तथा इथाइल अल्कोहल में परिणत हो जाता है।<ref name="यादव">{{cite book |last=यादव |first=रामनन्दन |title= अभिनव जीवन विज्ञान |year=जुलाई २००5 |publisher=निर्मल प्रकाशन |location=कोलकाता |id= |page=26 |accessday= २३|accessmonth= जून|accessyear= २००९}}</ref> प्राणियों की पेशियों तथा कुछ जीवाणुओं में आक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लाइकोलिसि के अंत में निर्मित पाइरूविक अम्ल NADH2 की सहायता से लैक्टिक अम्ल में बदल जाता है।<center>C<sub>6</sub>H<sub>12</sub>O<sub>6</sub>→ 2CH<sub>3</sub>CH<sub>2</sub>OH + 2CO<sub>2</sub> + 118 किलो जूल ऊर्जा</center>
=== किण्वन ===
किण्वन अनाक्सी श्वसन की एक विशिष्ट रासायनिक क्रिया है। इसमें सूक्ष्म जीवों तथा इन्जाइमों की उपस्थिति में जटिल कार्बनिक यौगिकों का विघटन सरल यौगिकों के रूप में होता है। किण्वन की क्रिया [[खमीर]], [[लैक्टोबेसिलस]] तथा अंकुरित बीजों आदि में होती है। किण्वन की क्रिया को मुख्यतः दो भागों में बाँटा जा सकता हैः अल्कोहोलिक किण्वन तथा अम्लीय किण्नव। अल्कोहोलिक किण्वन की क्रिया में [[ग्लूकोज]] का विघटन [[इथाइल अल्कोहल]] तथा कार्बन डाइआक्साइड में होता है तथा कुछ ऊर्जा मुक्त होती है। यह इस्ट तथा अंकुरित बीज आदि में होती है।