"सूत्रकणिका": अवतरणों में अंतर
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[[Image:Biological cell.svg|thumb
<!-- [[File:Animal mitochondrion diagram hi.svg|thumb|right|300px|आक्सी श्वसन का क्रिया स्थल, [[माइटोकान्ड्रिया]]]] -->▼
▲[[Image:Biological cell.svg|thumb|200px|एक [[यूकैरियोटिक कोशिका]] के आरेख में राइबोसोम(३) सहित उपकोशिकीय घटकों के दर्शन <br/>
ऑर्गैनेल्स:<br/>
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(12) [[लाइसोसोम]]<br/>
(13) [[तारककाय]]]]
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[[जीवाणु]] एवं [[ब्लूग्रीन अल्गी]] को छोड़कर शेष सभी सजीव [[पादप]] एवं [[जंतु]] [[कोशिकाओं]] के [[कोशिका द्रव]] में अनियमित रूप से बिखरे हुए द्वीप-एकक पर्दा युक्त अंगाणुओं को '''माइटोकॉण्ड्रिया''' कहते हैं। कोशिका के अंदर [[सूक्ष्मदर्शी]] की सहायता से देखने में ये गोल, लम्बे या अण्डाकार दिखते हैं।<ref name="हिन्दुस्तान">[http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-77672.html माइटोकॉण्ड्रिया ]।हिन्दुस्तान लाइव।{{हिन्दी चिह्न}}।[[२४अक्तूबर]],[[२००९]]</ref> इनका आकार क्षण-क्षण बदलता रहता है। ये [[कोशिका]] के [[कोशिका द्रव]] में उपस्थित दोहरी झिल्ली से घिरा रहता है। माइटोकाण्ड्रिया के भीतर आनुवांशिक पदार्थ के रूप में [[डीएनए]] होता है जो वैज्ञानिकों के लिए आश्चर्य एवं खोज़ का विषय हैं। माइटोकाण्ड्रिया में उपस्थित डीएनए की रचना एवं आकार जीवाणुओं के डीएनए के समान है। इससे अनुमान लगाया जाता है कि लाखों वर्ष पहले शायद कोई जीवाणु मानव की किसी कोशिका में प्रवेश कर गया होगा एवं कालांतर में उसने कोशिका को ही स्थायी निवास बना लिया। माइटोकाण्ड्रिया के डीएनए एवं कोशिकाओं के केन्द्रक में विद्यमान डीएनए में ३५-३८ जीन एक समान हैं। अपने डीएनए की वज़ह से माइकोण्ड्रिया कोशिका के भीतर आवश्यकता पड़ने पर अपनी संख्या स्वयं बढ़ा सकते हैं। संतानो की कोशिकाओं में पाया जाने वाला माइटोकांड्रिया उन्हें उनकी माता से प्राप्त होता है। निषेचित अंडों के माइटोकाण्ड्रिया में पाया जाने वाले [[डीएनए]] में शुक्राणुओं की भूमिका नहीं होती। है।<ref name="भगवती">[http://chankay.blogspot.com/2009/08/blog-post_3061.html निरोगी होगा शिशु ... गारंटी]।चाणक्य।{{हिन्दी चिह्न}}।[[३१ अगस्त]], [[२००९]]।भगवती लाल माली</ref><ref name="भगवती"/>
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