"चुम्बकीय बेयरिंग": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Amb2.svg|300px|thumb|right|चुम्बकीय धारुक में शाफ्ट की स्थिति पता करके सभी कुण्डलियों को सही मात्रा में और सही दिशा में धारा प्रवाहित की जाती है ताकि शाफ्ट बीचोबीच बना रहे।]]
'''चुम्बकीय धारुक''' या '''चुम्बकीय बेयरिंग''' (magnetic bearing) ऐसा [[बेयरिंग]] है जो किसी शैफ्ट को चुम्बकीय बलों के द्वारा एक अक्ष पर बनाये रखता है। चुम्बकीय बीयरिंग बिना किसी भौतिक-सम्पर्क के ही चलायमान अवयवों को एक सीमा में धारण किये रहते हैं। इस कारण चुम्बकीय बेयरिंग सबसे अधिक गति से चलने वाले शैफ्टों आदि को भी धारण करने में सक्षम हैं।
मोटे तौर पर चुम्बकीय बेयरिंग दो तरह के होते हैं-
*(१) '''अक्रिय चुम्बकीय बेयरिंग''' (Passive magnetic bearings) -- इनमें स्थायी चुम्बक प्रयुक्त होते हैं।
*(२) '''सक्रिय चुम्बकीय बेयरिंग''' (active magnetic bearings) -- इनमें [[विद्युत चुम्बक|विद्युतचुम्बक]] प्रयुक्त होते हैं जिनको काम करने के लिये लगातार (सही मात्रा में, नियंत्रित) विद्युत-धारा देते रहना पड़ता है।
*(३) मिश्रित डिजाइन—इसमें स्थायी चुम्बक के साथ विद्युत चुम्बक भी लगाये जाते हैं।▼
▲*(३) '''मिश्रित
==भविष्य में आने वाली प्रगत तकनीकें==
===अक्षीय होमोपोलर विद्युतगतिकीय बीयरिंग==
==सन्दर्भ==
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