"कोशिका सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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[[File:Prokaryote cell.svg|thumb|right|[[जीवाणु]]]]
[[जीवविज्ञान]] में '''कोशिका सिद्धान्त''' वह ऐतिहासिक वैज्ञानिक सिद्धान्त है, जो कि अब सर्वमान्य है, कि सभी जीव कोशिकाओं[[कोशिका]]ओं से बने हैं जो सभी जीवों की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई हैं और ये कोशिकाएँ पूर्वोपस्थित कोशिकाओं से उत्पन्न हुई हैं.हैं। सभी जीवों में कोशिकाएँ, जीवों की मौलिक संरचनात्मक एवं प्रजननिक इकाई है.है।
कोशिका सिद्धान्त के तीन उसूल निम्नप्रदर्शित हैं -
 
कोशिका सिद्धान्त के तीन उसूलसिद्धान्त निम्नप्रदर्शितनिम्नलिखित हैं -
*१. प्रत्येक जीव एक या एकाधिक कोशिकाओं से गठित है.
*२. प्रत्येक जीवों में कोशिका मौलिक संरचनात्मक एवं सांगठनिक इकाई है.
*३. कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्वोपस्थित कोशिकाओं से होती है.
 
*१. प्रत्येक जीव एक या एकाधिक कोशिकाओं से गठितबना है.हुआ है।
जीवन की कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं है. कुछ जैवविज्ञानी अकोशिकीय सत्ताओं (हस्तियों) जैसे विषाणुओं को जीव मानते हैं तदनुरूप प्रथम उसूल से असहमति ज़ाहिर करते हैं.
 
*२. प्रत्येक जीवोंजीव में कोशिका मौलिक संरचनात्मक एवं सांगठनिक इकाई है.है।
 
*३. कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्वोपस्थित कोशिकाओं से होती है.है।
 
[[जीवन]] की कोई सर्वमान्य परिभाषा नहीं है.है। कुछ जैवविज्ञानी अकोशिकीय सत्ताओं (हस्तियों) जैसे विषाणुओं) को जीव मानते हैं, तदनुरूप प्रथम उसूलसिद्धान्त से असहमति ज़ाहिरव्यक्त करते हैं.हैं।
 
==इतिहास==
[[File:HeLa cells stained with Hoechst 33258.jpg|thumb|right|मानव कर्करोग कोशिकाएँ नाभिक साहित (ख़ासतौर से वायाम्लराबिकनाभिकीयवायाम्लराबिक नाभिकीय अम्ल या [[डीएनए]]), नीले रंग से रंजित.रंजित। बीच वाली और दाएँ वाली कोशिकाएँ अन्तरावस्था में हैं, इसीलिए पूरे नाभिक रंजित हैं.हैं। बाईं तरफ़ की कोशिका समसुत्रणसमसूत्रण से गुज़र रही है इसीलिए वायाम्लराबिकनाभिकीय अम्ल या डीएनए संघनित हो चुकी है]]
 
समय -समय पर [[सूक्ष्मदर्शी]] यन्त्रों में सतत् सुधारोंसुधार केहुआ साथतथा आवर्धन प्रौद्योगिकी कोशिकाओं की खोजों के लिए उन्नत हुई.हुई। इस खोज का बहुत बड़ा श्रेय [[रोबर्ट हूकहुक]] को जाता है, और कोशिकाओं के वैज्ञानिक अध्ययन, यानी [[कोशिका जीवविज्ञान]] की शुरूआत हुई.हुई। [[काग]] (कॉर्क) के टुकड़े को सूक्ष्मदर्शी यन्त्र के तले रख उसकर पर ग़ौर करनेदेखने पर उन्हें कई छेद दिखाई दिए.दिए। यह उस समय के बड़ीबड़े हैरानीआश्चर्य की बात थी, क्योंकि ऐसा यक़ीनविश्वास किया गया कि किसी और ने इसे देखा नहीं था.था। इस सिद्धान्त को आगे और समर्थन करने के लिए, [[थियोडोर श्वान]] और [[मत्थियास श्लेइडन]] दोनों ने प्राणियों (हैवानों, जीव-जन्तुओं) और पादपोंवनस्पतियों (पेड़-पौधों) की कोशिकाओं का अध्ययन किया.किया। उन्होंने कोशिकाओंदोनों प्रकार की दोनों क़िस्मोंकोशिकाओं में फ़र्क़अन्तर ढूँढ़ा.ढूँढ़ा। उन्होंने फिर यह विचार पेशप्रस्तुत किया कि कोशिकाएँ केवल पेड़-पौधों के लिए ही नहीं, साथ ही साथ प्राणियों के लिए भी मौलिकमूलभूत हैं.हैं।
 
==सूक्ष्मदर्शी==
{{मुख्य|सूक्ष्मदर्शी}}
रोबर्ट हूक का सूक्ष्मदर्शी, सत्रहवीं सदी की [[एंटोनी वॉन ल्यूवेनहुक]] के सूक्ष्दर्शी की पुनर्सृष्टि है, बजाय कि उसका आवर्धन ३००x है. सूक्ष्मदर्शी के कारण ही कोशिकाओं की खोज मुमकिन हो पाई. ईसा पूर्व पहली सदी में रूमी लोगों ने काँच की खोज की. उन्होंने यह पता लगाया कि काँच के अधीन चीज़ें बड़ी दिखाई देती थीं. थीं।
 
रोबर्ट हूक का सूक्ष्मदर्शी, सत्रहवीं सदी की [[एंटोनी वॉन ल्यूवेनहुक]] के सूक्ष्दर्शी की पुनर्सृष्टि है, बजाय कि उसका आवर्धन ३००x है. सूक्ष्मदर्शी के कारण ही कोशिकाओं की खोज मुमकिन हो पाई. ईसा पूर्व पहली सदी में रूमी लोगों ने काँच की खोज की. उन्होंने यह पता लगाया कि काँच के अधीन चीज़ें बड़ी दिखाई देती थीं.
[[श्रेणी:कोशिका]]