बाल झड़ने के "14" कारण और 20 घरेलू आयुर्वेदिक देशी उपचार एवं प्राचीन उपाय...
सन्दर्भ ग्रन्थ-
【1】भावप्रकाश निघण्टु
【2】आयुर्वेद सारः संग्रह
【3】वनोषधि चंद्रोदय
【】आयुर्वेदिक रस-तन्त्र सार
【5】अकबर आयुर्वेद
बाल बहुत लम्बे हों, घने, चमकदार, खूबसूरत हों बड़े और लम्बे बाल, बला की आफत होते हैं।
कितने फायदेमंद होते हैं बाल —
बाल सिर्फ चेहरे की सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि ये गर्मी और सर्दी से सिर की रक्षा भी करते हैं। बाल सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों …..(ये किरणें मनुष्य के साथ साथ जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के लिए भी बहुत खतरनाक है)…. को शोषित करके विटामिन `ए` और `डी` को संरक्षित भी करते हैं तथा इसके साथ-ही साथ उष्णता, शीतलता, और तेज हवा से हमारे सिर की सुरक्षा भी करते हैं।
जब यह बाल किसी कारण से झड़ने लगते हैं, तो व्यक्ति के चेहरे की खूबसूरती नष्ट होने लगने लगती हैं। बाल लम्बे और खूबसूरत हो, तो हो महिलाएं आकर्षण का केंद्र बन पाती हैं !
बाल झड़ने के “14” कारण —
((१)) बाल झड़ने, टूटने का रोग स्त्रियों और पुरुषों को अधिकतर, तब होता है जब व्यक्ति के शरीर में विटामिन `बी´ एवं प्राकृतिक लवणों, लौह तत्व तथा आयोडीन की कमी हो जाती है।
((२)) कई प्रकार के लम्बे रोग जैसे- लम्बे समय तक सर्दी-खाँसी का बने रहना, टायफाइड, उपदंश, जुकाम, नजला, साइनस तथा रक्तहीनता (खून की कमी) आदि तकलीफों के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((३)) किसी प्रकार के आघात या बहुत अधिक चिंता करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो जाता है।
((४)) सिर की ठीक तरीके से सफाई न करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((५)) शरीर में हार्मोन्स के असंतुलन के कारण भी व्यक्ति के बाल झड़ने लगते हैं।
((६)) सिर के रक्त संचारण में कमी आ जाने के कारण भी बाल झड़ने का रोग हो सकता है।
((७)) खारे व बोरिंग के पानी तथा केश रोग की वजह से भी स्त्री-पुरुषों के सिर के बाल झड़ने लगते हैं। जब रोगी व्यक्ति के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते हैं तो वह गंजा सा दिखने लगता है।
((८)) शैम्पू तथा साबुन आदि का अधिक मात्रा में उपयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((९)) हेयर ड्रायर्स का अधिक प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((१०)) अधिक मात्रा में दवाइयों का प्रयोग करने के कारण भी बाल झड़ने लगते हैं।
((११)) कब्ज रहना, नींद न आना तथा अधिक दिमागी कार्य करने के कारण भी बाल झड़ने का रोग व्यक्ति को हो सकता है।
((१२)) बालों को सही तरीके से पोषण न मिल पाने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और झड़ने लगते हैं।
((१३)) वात और पित्त कुपित जब होकर रोमछिद्रों में पहुंचते हैं तो बाल झड़ने लगते हैं।
((१४)) अधिक मिर्च-मसाले तथा तली हुई चीजों का सेवन करने से बाल झड़ने लगते हैं।
कुन्तल केयर
यह बालों के झड़ने के रोग की प्राकृतिक चिकित्सा है ।इस रोग के होने के कारणों को दूर करता है।
बालों का झड़ना हो कम
कुन्तल केयर में आँवला का मिश्रण/उपस्थित होने से विटामिन “सी” (C) बालों को झड़ने से रोकता है और बालों को रफ व रूखा होने बचाता है।
आँवला युक्त त्रिफला नामक ओषधि बालों की देखभाल में मदद करता है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर SPA
में मिलाया गया
बालछड़, शिकाकाई, भृङ्गराज, ब्राह्मी आदि
जड़ीबूटियां लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण
में सहायता करती हैं, जिससे ऑक्सीजन की
पर्याप्त मात्रा सिर तक पहुंच पाती है और बालों
के बढ़ने की गति में वृद्धि होती है जिससे
बाल लम्बे काले होते हैं एवं बालों का झड़ना,
टूटना बन्द होता है।
बालों की बीमारियों से बचने के लिए
■ कुन्तल केयर हर्बल माल्ट
का 1 माह तक सेवन और भोजन संतुलित तथा पौष्टिक करना चाहिए।
■ साथ ही केश रोग को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक बार फलों का सेवन एवं जूस लेना चाहिए।
■ बालों को झड़ने से रोकने के लिए पत्ता गोभी, अनन्नास तथा आंवला का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
■ बाल झड़ने से रोकने के लिए अपने भोजन में सब्जियां, सलाद, मौसम के अनुसार फल और अंकुरित अन्न का अधिक मात्रा में उपयोग करना चाहिए।
■भोजन में आटे की रोटी, चावल, फल व हरी सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।
■इस रोग से पीड़ित रोगी को पालक व गाजर के रस का अधिक सेवन करना चाहिए। इससे रोगी के बाल झड़ना बहुत जल्द ही रुक जाते हैं।
■ बालों को झड़ने से रोकने के लिए आंवले का अपने भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए तथा आंवले के मुरब्बा का सेवन करना भी बहुत लाभदायक होता है।
बालो से पीड़ित रोगी को
कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल
उंगुलियों से रात को सोने से पहले नित्य पांच मिनट तक सिर की मालिश करनी चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं।
सुबह अमृतम भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोएं, तो केशविकारों का अंत …तुरन्त होने लगता है-
देशी घरेलू इलाज —
[१]~ रात में मेथी के बीजों को पानी में भिगो देना चाहिए। सुबह उठने पर इन्हें पीसकर लेप जैसा बना लेना चाहिए और फिर इस लेप को बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा कुछ दिनों तक करने से रोगी के बाल झड़ना रुक जाते हैं।
[२]~ बाल झड़ने के रोग में बेरी के पत्तों को पीसकर इसमें नींबू का रस मिलाकर सिर पर लगाने से बाल दुबारा उगने लगते हैं।
[३]~ ताजे धनिये का रस या गाजर का रस बालों की जड़ों में लगाने से रोगी व्यक्ति के बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
[४]~ सिर में जिस जगह से बाल झड़ गये हैं उस जगह पर प्याज तथा रोहिष घांस का रस मिलाकर अथवा अमृतम ओनियन ऑयल लगाने से बाल दुबारा से उग आते हैं।
[५]~ गाजर को पीसकर इसमें अमृतम एलोवेरा मिलाकर लेप बना लें। फिर इस लेप को सिर पर लगाये और दो घंटे के बाद धो दें। ऐसा प्रतिदिन करने से बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।
[६]~ गंजेपन को दूर करने के लिए रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस, धनिये का रस, प्याज का रस सबको मिलाकर सिर की मालिश करनी चाहिए।
[७]~ सूर्य तप्त नीली बोतल के तेल से सिर पर रोजाना मालिश करने से बाल गिरना रुक जाते हैं।
[८]~ खाना खाने के बाद सिर को उंगलियों से खुजलाना चाहिए, इससे बाल झड़ना कुछ ही दिनों में रुक जाते हैं।
[९]~बाल झड़ने के रोग को ठीक करने के लिए रोजाना 2-3 बार लगभग पांच मिनट के लिए दोनों हाथों की उंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़ना चाहिए।
[१०]~दिन में 5 से 10 बार खुली हवा में लंबी गहरी सांस लेनी चाहिए तथा कुछ व्यायाम भी करने चाहिए।
[११]~यदि किसी व्यक्ति को जुकाम, खांसी, तनाव, चिंता, प्रमेह आदि रोग हो गए हों, ये बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं।
तो उसे तुरंत ही अमृतम लोजेन्ज माल्ट या
अमृतम फ्लूकी माल्ट का सेवन करना चाहिए।
[१२]~ रोजाना रात को सोते समय 10 से 15 मिनट तक अपनी उंगलियों से बालों की जड़ों में
कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa (हेम्पयुक्त)
द्वारा हल्की-हल्की मालिश करनी चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल घने तथा लम्बे होने लगते हैं।
[१३]~ आंवला, ब्राह्मी, बालछड़, लेमनग्रास, शिकाकाई, खड़ा धनिया, हिंगोट तथा भृंगराज को एकसाथ मिलाकर पीस लें। फिर इस मिश्रण को लोहे की कड़ाही में फूलने के लिए रखना चाहिए और सुबह के समय में इसको मसल कर लेप बनाकर इसमें अमृतम एलोवेरा मिलाएं । फिर, इस लेप को 25 मिनट तक धूप में बैठकर बालों में लगाएं। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल कुदरती काले हो जाते हैं।
[१४]~ रात को तांबे के बर्तन में पानी भरकर रखें। सुबह के समय उठते ही इस पानी को पी लें। इसके साथ ही आधा चम्मच अमृतम आंवले के चूर्ण का सेवन भी करें। इससे कुछ ही समय में बालों के झड़ने का रोग ठीक हो जाता है।
[१५]~ गुड़हल के फूल तथा पोदीने की पत्तियों को एक साथ पीसकर थोड़े से पानी में मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को सप्ताह में कम से कम दो बार आधे घण्टे के लिए बालों पर लगाना चाहिए। ऐसा करने से बाल झड़ना रुक जाते हैं तथा बाल सफेद भी नहीं होते हैं।
[१६]~ लगभग 80 मिलीलीटर चुकन्दर के पत्तों के रस को सरसों के 150 मिलीलीटर तेल में मिलाकर आग पर पकाएं। जब पत्तों का रस सूख जाए तो इसे आग पर से उतार लें और ठंडा करके छानकर बोतल में भर लें। इस तेल से प्रतिदिन सिर की मालिश करने से बाल झड़ने रुक जाते हैं तथा बाल समय से पहले सफेद भी नहीं होते हैं।
[१७]~ कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से सिर को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडना बंद हो जाते हैं तथा बाल घने भी होना शुरु हो जाते हैं।
[१८]~ नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
[१९]~ बाल झड़ने से रोकने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार कई प्रकार के आसन हैं जिनको करने से बाल झड़ने कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं।
[२०]~ ये आसन इस प्रकार हैं- ●शवासन, ●सर्वांगासन, ●योगनिद्रा, ●मत्स्यासन, ●विपरीतकरणी मुद्रा तथा
●शरीर के अन्य उलटने-पलटने का आसन।
इस प्रकार से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार और विश्वास करने से रोगी के बाल झड़ने की समस्या दूर हो जाती है।
लम्बी जुल्फों के लिए कवियों औऱ शायरों ने अपने भाव प्रकट करते हुए बहुत कुछ लिखा —
बलशाली बालों के लिए “3” बेहतरीन शायरियां
कुन्तल केयर के इस आर्टिकल में जानिए —
बालों के बारे में शायरों, कवियों के विचार
बाल लम्बे होंगे, तभी कोई शायर कह पायेगा कि –
कम से कम अपने बाल,
तो बाँध लिया करो,
कमबख्त बेवजह मौसम
बदल दिया करते हैं।
बालों के कारण हमारी खूबसूरती में चार चांद
लग जाते हैं। बाल का कमाल है कि हम सदा सुन्दर, युवा और आकर्षक दिखते हैं। बाल से कंगाल व्यक्ति हमेशा अपने-आपको कोसता रहता है। बाल के मायाजाल से हम भ्रमित होकर किसी के प्रेमपाश में उलझ जाते हैं।
फिर, कहते हैं —
कुछ और भी हैं काम हमें ऐ ग़म-ए-जाना,
कब तक कोई उलझी हुई ज़ुल्फ़ों को सँवारे।
एक व्यस्त शायर की उलझन –
कभी मिला वक्त, तो
तेरी जुल्फें सुलझाऊंगा!
आज उलझा हूँ, जरा
वक्त को सुलझाने में!!
स्वस्थ्य रहने हेतु सही सलाह…बाल बचाना है, तो इस पर अमल जरूरी है!!!
आयुर्वेद के नियमानुसार देह में त्रिदोष के प्रकोपित होने से अनेक उदर रोग पनपने लगते हैं। अतः त्रिदोष की चिकित्सा जरूरी है।
अमृतम ने आयुर्वेद के योग्य,
विद्वान और वरिष्ठ वेदों-चिकित्सकों द्वारा एक बेहतरीन पुस्तक प्रकाशित की है। इस किताब का नाम
Ayurveda Life Style है, जो कि ओनली ऑनलाईन ही उपलब्ध है।
असन्तुलित वात-पित्त-कफ अर्थात त्रिदोषों की जांच स्वयं अपने से करने के लिए यह अंग्रेजी की किताब आयुर्वेदा लाइफ स्टाइल
यह आपकी बहुत मदद करेगी। इसमें उपाय भी बताएं हैं। अपनी लाइफ स्टाइल बुक का अध्ययन तथा अमल कर सदैव स्वस्थ्य रह सकते हैं।
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【1】कफ की क्वाथ 【कफविनाश】
【2】वात की क्वाथ 【वातरोग नाशक】
【3】पित्त की क्वाथ 【पित्तदोष सन्तुलित करने में विशेष उपयोगी।
【4】डिटॉक्स की क्वाथ 【शरीर के सभी दुष्प्रभाव, साइड इफ़ेक्ट मिटाता है】
यह क्वाथ सभी तरह की डाइबिटीज पीड़ितों के लिए बहुत मुफीद है।
【5】बुद्धि की क्वाथ 【मानसिक शांति हेतु】
उपरोक्त ये पांचों क्वाथ तासीर अनुसार सर्वरोग नाशक और देह को तन्दरुस्त बनाने में सहायक हैं।
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