"साबूदाना": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Sabudana.jpg|right|thumb|250px|साबूदाना]]
'''साबूदाना''' एक खाद्य पदार्थ है। यह छोटे-छोटे मोती की तरह सफ़ेद और गोल होते हैं। यह सैगो ([[Sago]]) पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है। पकने के बाद यह अपारदर्शी से हल्का पारदर्शी, नर्म और स्पंजी हो जाता है।
भारत में इसका इस्तेमाल ज्यादातर पापड़, खीर और खिचडी बनाने में होता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा करने के लिये भी इसका इस्तेमाल होता है।
 
[[भारत]] में इसका इस्तेमालउपयोग ज्यादातरअधिकतर पापड़, खीर और खिचडीखिचड़ी बनाने में होता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा करने के लिये भी इसका इस्तेमालउपयोग होता है।
भारत में साबूदाना का उत्पादन सबसे पहले [[तमिलनाडु]] में [[सेलम]] में हुआ था। लगभग १९४३-४४ में भारत में इसका उत्पादन एक [[कुटीर उद्योग]] के रूप में हुआ था। इसमें पहले टैपियाका (tapioca) की जड़ों को मसल कर उसके दूध को छानकर उसे जमने देते थे। फिर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सेंक लेते थे।
 
भारत में साबूदानासाबूदाने का उत्पादन सबसे पहले [[तमिलनाडु]] मेंके [[सेलम]] में हुआ था। लगभग [[१९४३]]-[[१९४४|४४]] में भारत में इसका उत्पादन एक [[कुटीर उद्योग]] के रूप में हुआ था। इसमें पहले टैपियाका (tapioca) की जड़ों को मसल कर उसके दूध को छानकर उसे जमने देते थे। फिर उसकी छोटी छोटी गोलियां बनाकर सेंक लेते थे।
 
टैपियाका के उत्पादन में भारत अग्रिम देशों में है। लगभग ७०० इकाइयाँ सेलम में स्थित हैं।
साबूदाना में [[कार्बोहाइड्रेट]] की प्रमुखता होती है और इसमें कुछ मात्रा में [[कैल्शियम]][[विटामिन]] सी भी होता है।
 
==बाहरी कड़ियाँ==