"निर्जला एकादशी": अवतरणों में अंतर

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निर्जला एकादशी हिंदू परंपराओं के अनुसार साल की 24 एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण है। निर्जला एकादशी व्रत के दौरान पानी पीना मना है इसलिए इसे निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन बिना जल के उपवास करने से वर्ष की शेष एकादशियों को पुण्य लाभ मिलता है। इस दिन निर्जल होकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
[[हिन्दू धर्म|हिंदू धर्म]] में [[एकादशी]] का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर २६ हो जाती है। [[ज्येष्ठ]] मास की [[शुक्ल पक्ष]] की [[एकादशी]] को '''निर्जला एकादशी''' कहते है इस व्रत मे पानी का पीना वर्जित है इसिलिये इस निर्जला एकादशी कहते है।
 
== कथा ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
[https://rahulguptabjpwww.blogspotpdfhunter.com/2021/06/nirjala%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a4%b2%e0%a4%be-ekadashi%e0%a4%8f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a6%e0%a4%b6%e0%a5%80-kab%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a4-hai.html%e0%a4%95%e0%a4%a5%e0%a4%be-nirjala-ekadas/ निर्जला एकादशी कब है]{{हिन्दू त्यौहार}}
 
[[श्रेणी:एकादशी]]
[[श्रेणी:हिन्दू त्यौहार]]