"कलियुग": अवतरणों में अंतर

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कलयुग का अंत सिर्फ लोगों के मानसिक चेतना में अधिकतम गिरावट से आएगा। लोग जब केवल स्वार्थी हो जाएंगे वो भी आधे अधूरे स्वार्थी या केवल पशु जैसी मानसिक स्थिति हो जाएगी तब।
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कलयुग का अंत तब होगा जब इंसान मूर्खों को बढ़ावा देंगे और ज्ञानी से दूर भागेंगे । जब इंसान केवल स्वार्थी हो जाएगा । जब इस दुनिया में सिर्फ हवस होगी वो चाहें पैसे की हो या शरीर की। जब इंसान की इच्छा कभी ना खत्म हो । जब इंसानों में केवल पति और पत्नी का ही रिश्ता सबसे बड़ा हो जाए। जब लोगों का चेतना का लेवल कम हो जाए। जब लोग मानसिक रूप से पशु बन जाए। लोग सिर्फ भोजन को ही परम सुख समझे। और तुच्छ लोगों को जब आदर्श बना लिया जाए। इंसानियत को मजाक समझा जाए। और किसी अच्छे को व्यक्ति को मूर्ख समझा जाए। जब लोगों की जिंदगी में शादी सबसे महत्वूर्ण हो जाए। जीवन में सबसे बड़ा उद्देश्य धन कमाना और उड़ाना हो जाए। यही दुनिया का अंत है। इस युग में लोग अपने ही किए गए कामों से मारें जायेगे। लोगों के अंदर का भगवान जब मर जाएगा। लोग जब बुरी सोच का रूप ले चुके हैं। अंत अब निकट है ।